गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय का दावा है कि साल 2014 से 2021 तक देश में नक्सल प्रभावित जिलों की संख्या 70 से घटकर 46 रह गई है। मंत्री ने लोकसभा में अपने लिखित जवाब में यह भी कहा कि वामपंथी उग्रवाद की घटनाएं 2014 में 1091 थीं वो 2021 में घटकर 509 रह गई है।
नित्यानंद राय ने बीजेपी सांसद सुशील कुमार सिंह और सुदर्शन भगत के सवाल का जवाब देते हुए कहा कि वामपंथी उग्रवाद को कंट्रोल करने के लिए गृह मंत्रालय की विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत वित्त वर्ष 2014-15 से लेकर वित्त वर्ष 2021-22 तक 6,578 करोड़ रुपए जारी किए गए। जबकि वित्त वर्ष 2006-2007 से वित्त वर्ष 2013 तक 2,181 करोड़ रुपए ही जारी किए गए थे।
गृह राज्य मंत्री ने बताया कि 2006-07 से 2013-14 के बीच 2,181 करोड़ रुपए के मुकाबले 2014-15 से 2021-22 के बीच गृह मंत्रालय ने नक्सल प्रभावित जिलों के लिए कई योजनाओं के तहत 6,578 करोड़ रुपए जारी किए हैं। उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में सुरक्षा संबंधित खर्च, स्पेशल इन्फ्रास्ट्रक्चर स्कीम, स्पेशल सेंट्रल एसिस्टेंस स्कीम, रोड कनेक्टिविटी, स्किल डेवलपमेंट स्कीम, जवाहर नवा विद्यालय, एकलव्य मॉडल रेजिडेंशियल स्कूल, मोबाइल कनेक्टिविटी प्रोजेक्ट और आर्थिक मदद जैसी योजनाएं चला रही है।
इन्फ्रास्ट्रक्चर स्कीम के तहत वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित इलाकों को 2017 से 2021 के बीच विभिन्न परियोजनाओं के लिए 991.04 करोड़ रुपए दिए गए हैं। वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित जिलों में 32 केंद्रीय विद्यालय और 9 जवाहर नव विद्यालय खोले गए हैं। बिहार के औरंगाबाद जिले में दो नवोदय और दो जवाहर नव विद्यालयों का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है। वामपंथी उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों में 207 एकलव्य आवासीय स्कूलों को मंजूरी दी गई है।
बीजेपी सांसद हरीश द्विवेदी के एक सवाल के जवाब में मंत्री ने कहा कि सीआईएसएफ को 12 प्राइवेट सेक्टर की कपनियों में तैनात किया गया है। सात सेंट्रल आर्म्ड फोर्सेज में से एक सीआईएसएफ गृह मंत्रालय के अंतर्गत काम करती है. सीआईएसएफ इस वक्त 353 संस्थानों को सुरक्षा प्रदान करती है.