केंद्रीय संचार राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और रेल राज्यमंत्री मनोज सिन्हा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ विपक्ष के प्रस्तावित महागठबंधन को खयाली पुलाव करार दिया है। उन्होंने कहा कि कुछ दल आपस में मिलकर अगर पीएम मोदी का विकल्प पेश करने की बात कर रहे हैं तो असल में वे गलतफहमी के शिकार हैं। उन्होंने कहा कि लोकसभा के आगामी चुनाव में भाजपा और उसके सहयोगी दल राजग सरकार की पांच साल की उपलब्धियों के नाम पर ही वोट मांगेंगे। लेकिन बीते सात दशकों में दूसरे दलों के शासन के दौरान देश को जो नुकसान हुआ,उसकी हकीकत जनता को बताना भी उनकी जिम्मेदारी है।
जनसत्ता ‘बारादरी’ में मंगलवार को सिन्हा ने सियासत और हुकूमत को लेकर विस्तार से अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि उनका यह आशय बिल्कुल नहीं है कि एक राजनेता के तौर पर देश में पीएम मोदी के अलावा और कोई है ही नहीं, लेकिन यह सच है कि बंद कमरों में कुछ दलों को जोड़कर उनके विकल्प का खयाली पुलाव बनाने वाले लोग निश्चित रूप से गलफहमी के शिकार हैं। उन्होंने सवालिया लहजे में कहा कि आखिर ये लोग प्रधानमंत्री मोदी को क्यों हटाना चाहते हैं, क्या इसलिए कि उनकी हुकूमत ने आठ करोड़ परिवारों में उज्ज्वला योजना के तहत रसोई गैस पहुंचाई है, चार करोड़ घरों तक बिजली पहुंचाई है, 32 करोड़ लोगों के बैंक खाते खोले हैं। भाजपा नेता ने कहा कि असली बात यह है कि केंद्र की इस सरकार ने 2014 के पहले होने वाले तमाम ‘खेल’ बंद कर दिए हैं और उससे प्रभावित लोग ही मिल-जुलकर आगामी आम चुनाव में प्रधानमंत्री मोदी को हटाने की बात कर रहे हैं।
नोटबंदी की विफलता के सवाल पर सिन्हा ने कहा कि सही बात तो यह है कि यह अपने मकसद में कामयाब रही। तमाम पैसा अर्थव्यस्था के भीतर आ गया। दूसरी बात यह रही कि उत्तर प्रदेश विधानसभा के चुनाव में भाजपा को मिली जोरदार कामयाबी ने नोटबंदी की सफलता साबित कर दी। रुपए के लगातार हो रहे अवमूल्यन को लेकर उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था की सेहत को मापने के कई पैमाने हैं। रुपए का मूल्य भी उनमें से एक है। ऐसे में खाली इसके आधार पर अर्थव्यवस्था को आंकना ठीक नहीं होगा। बहुत जल्द देश इस स्थिति से उबर जाएगा। नोटबंदी से काले धन में कमी आने के दावे का सीधा जवाब न देकर उन्होंने कहा कि काला धन रखने वाले नहीं बचने वाले। सबके खिलाफ कार्रवाई होगी। उन्होंने कहा कि राजग की ही सरकार ने काला धन के मामले में विशेष जांच दल (एसआइटी) का गठन किया है और आने वाले दिनों में इसके परिणाम देखने को मिलेंगे।
असहमति को लोकतंत्र का सेफ्टी वॉल्व बताए जाने की सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी पर अपनी प्रतिक्रिया देने से इनकार कर करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि अदालत को लेकर वे कुछ नहीं कह सकते। लेकिन इतना जरूर है कि जांच एजंसियों व सरकार के बीच के अंतर को समझा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी की अगुआई में चल रही केंद्र की राजग सरकार के लिए देश महत्त्वपूर्ण है, राजनीति महत्त्वपूर्ण नहीं है।