देश में कृषि क्षेत्र से जुड़े मुद्दों को लेकर दिल्ली में दो दिवसीय किसान रैली में भाग लेने वाले महाराष्ट्र के कोल्हापुर निवासी किरण शांतप्पा घोरवडे (52) की शनिवार (1 दिसंबर, 2018) को अंबेडकर भवन की इमारत से गिरने से मौत हो गई। घोरवडे को कोल्हापुर जिला कोऑपरेटिव बैंक और एक क्रेडिट सोसायटी को करीब 6 लाख रुपए कर्ज की अदायगी करने थी। पोस्टमार्टम के बाद किसान का शव स्वाभिमानी शेतकरी संगठन (SSS) को सौंप दिया गया है। SSS एक किसान संगठन है जो एमपी राजू शेट्टी के नेतृत्व में काम करता है। घोरवडे इस संगठन से करीब 15 सालों तक जुड़े रहे।
शव किसान के गांव पहुंचने पर स्थानीय निवासियों ने बताया कि घोरवडे साल 2002 से किसान राजनीति में सक्रिय थे और एसएसएस के पैदल सैनिक थे, जिन्होंने अच्छी गन्ना कीमतों के लिए कई आंदोलनों में सक्रिय रूप से भाग लिया। एसएसएस कोल्हापुर से करीब 600 किसानों को लेकर दिल्ली पहुंचा था। बता दें कि राजनीतिक भाषण, घंटों चले मार्च और नारेबाजी के बाद घोरवडे शुक्रवार सशाम को अंबेडकर भवन की तीसरी मंजिल स्थित कमरा नंबर 29 में लौट आए। शनिवार सुबह करीब 3:15 बजे पुलिस को घटना की जानकारी मिली, जिसके तुरंत बाद उन्हें लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज भर्ती कराया गया। हालंकि डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। पुलिस के एक सीनियर अधिकारी ने बताया कि लगता है कि वह गलती से तीसरे मंजिल से गिर गए। इसमें गड़बड़ी की आशंका नहीं है।
गौरतलब है कि मृतक घोरवडे के पास चार बीघा जमीन थी, जिसमें से दो बीघा जमीन हमेशा गन्ने की खेती के लिए आरक्षित रही। जमीन के अन्य हिस्से पर उड़द, गेहूं और सोयाबीन की फसल उगाया करता। मगर इस साल कीड़ों और बेमौसमी बारिश की वजह से उड़द की पूरी फसल बर्बाद हो गई। मृतक के पड़ोसी आदिनाथ हिंगमारे कहते हैं, ‘घोरवडे को जब यकीन हो गया कि जिस लाभ के लिए उसने फसल बोई उसमें मुनाफा नहीं, तो उसने फसल उखाड़कर फेंक दी और गन्ने की खेती का विकल्प चुना। मगर उसका नुकसान और कर्ज खत्म होता नजर नहीं आ रहा था। क्योंकि महाराष्ट्र के कई हिस्से में पानी क वजह से घोरवडे भी खासा परेशान।’ हिंगमारे ने यह बात इंडियन एक्सप्रेस को बताई है।
हिंगमारे ने आगे बताया कि घोरवडे करीब एक दशक तक भुगतान ना कीए गई बकाया राशि के बारे में खासा चिंतित था। कोल्हापुर जिला कोऑपरेटिव बैंक तीन लाख रुपए बकाया था, जहां से उसने 1.2 लाख रुपए का कर्ज लिया। इसके अलावा अपनी जमीन गिरवी रखकर तीन लाख रुपए साहू कोऑपरेटिव क्रेडिट सोसायटी से लिए। उसके पास यही एक मात्र तरीका से जिससे वह पूंजी जुटा सकता था।

