मॉब लिंचिंग मामले में मंगलवार को लोकसभा में गृह मंत्री के आश्वासन और बयान के बावजूद इस मुद्दे को विपक्षी सदस्यों द्वारा उठाने पर स्पीकर सुमित्रा महाजन भड़क गईं। कांग्रेस सांसद मल्लिकार्जुन खड़गे समेत विपक्षी सांसद इस मुद्दे पर चर्चा चाहते थे। विपक्ष के हंगामे पर नाराजगी जाहिर करते हुए लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने कहा कि जब गृह मंत्री ने इस मामले में समिति गठित करने के साथ विस्तृत बयान दिया है, ऐसे में हर चीज का राजनीतिकरण करना ठीक नहीं है । हालांकि अध्यक्ष महाजन ने तृणमूल कांग्रेस के सुदीप बंदोपाध्याय को बात रखने की अनुमति दी । इसके बाद कांग्रेस, माकपा समेत कई अन्य दल इस विषय को उठाने की मांग करने लगे ।इस पर महाजन ने कहा कि वह किसी को मुद्दा उठाने से मना नहीं कर रही हैं, पर रोज रोज एक ही बात कहना ठीक नहीं है। वह भी तब, जब गृह मंत्री इस बारे में बयान दे चुके हों और समिति गठित करने की बात कह चुके हों ।

लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि अगर सदस्य फिर भी इस विषय को उठाना चाहते हैं, तो हो जाए, एक बार सभी लोग बोल लें और फिर वह गृह मंत्री से फिर कहेंगी कि वह बयान दें। उन्होंने कहा, ‘‘हर चीज का राजनीतिकरण नहीं करना चाहिए, मैं भी बोल रही हूं कल शाम को माननीय होम मिनिस्टर ने स्टेटमेंट दिया, फिर आप अगर दोबारा चाहते हो, तो मैं होम मिनिस्टर से कहूंगी कि वो इस पर अपना स्टेटमेंट दें।” इससे पहले प्रश्नकाल समाप्त होते ही सदन में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे आसन के समीप आकर भीड़ द्वारा पीट-पीटकर हत्या करने का मुद्दा उठाने की अनुमति मांगने लगे। खड़गे कल इस विषय पर बात नहीं रखने देने का भी आरोप लगा रहे थे। तृणमूल कांग्रेस के सदस्य भी अपने स्थान से उठकर अपने नेता सुदीप बंदोपाध्याय को लिंचिंग के विषय पर बोलने देने की इजाजत मांग रहे थे। इस दौरान लोकसभा अध्यक्ष आवश्यक कागजात सदन के पटल पर रखवा रही थीं और उन्होंने सभी सदस्यों से अपने स्थानों पर जाने का आग्रह किया।

सुमित्रा महाजन ने कहा, “सब नेता आज इसी पर बोले, हो जाने दो, मगर रोज-रोज नहीं चलेगा।” विपक्षी सांसद कह रहे थे कि लिंचिंग की घटनाएं रोज हो रही है, इसलिए इस पर चर्चा होनी ही चाहिए। इस सुमित्रा महाजन ने कहा, “हो रहा है तो क्या करें? यहां से कुछ तो हो रहा है…जितना वो कर सकते हैं…अब आप बोलेंगे सजा दो, तो ये तो कोर्ट का काम है।” खड़गे जैसे ही बोलने खड़े हुए सुमित्रा महाजन ने कहा, “आप बोलो…कोई बात नहीं…आपका भी पेट भरे बोलने से।” खड़गे ने कहा कि मॉब लिंचिंग के मामले की जांच सुप्रीम कोर्ट के सिटिंग जज से करवाई जानी चाहिए। इससे पहले खड़गे को यह भी कहते सुना गया कि ‘‘यह भाजपा का सदन नहीं है। जनता का सदन है। लोकसभा है।’’ उनके इस बयान पर भाजपा के निशिकांत दुबे और अन्य पार्टी सदस्यों ने उनसे माफी मांगने को कहा।

(एजेंसी इनपुट्स के साथ)