जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के छात्रसंघ चुनाव में लेफ्ट गठबंधन ने चारों सीटों पर जीत दर्ज की है। जेएनयू में छात्रसंघ चुनाव शुक्रवार को हुए थे। इस बार पिछले दो साल में सबसे ज्यादा 60 प्रतिशत मतदान हुआ था। यहां लगभग 5000 वोट डाले गए थे। पिछले दो सालों में ये सबसे अधिक मतदान रहा है। 9 फरवरी की घटना के बाद से ही इस चुनाव पर पूरे देश की नजर लगी हुई थी। जेएनयू में अफजल गुरू के ऊपर एक विवादास्पद कार्यक्रम किया था इस कार्यक्रम के बाद जेएनयू छात्रसंघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार को गिरफ्तार कर लिया गया था। वहीं दो अन्य छात्र उमर खालिद और अनिबार्न पर भी देशद्रोह को केस दर्ज किया गया।
कन्हैया के दल एआईएसएफ ने इस बार के चुनाव में हिस्सा नहीं लिया। तो वहीं दो अन्य वामपंथी दल एसएफआई और आईसा ने इस बार साथ में मिलकर चुनाव हिस्सा लिया था। चुनाव नतीजें स्पष्ट हो जाने के बाद लेफ्ट गठबंधन की तरफ से अध्यक्ष पद पर मोहित, उपाध्यय पद के लिए अमल पीपी, महासचिव पद पर सत्रुपा और संयुक्त सचिव पद के लिए तबरेज हसन ने जीत दर्ज की है। चुनाव में केंद्रीय पैनल के लिए 18 उम्मीदवार अपनी किस्मत आजमा रहे थे जबकि पार्षद पद के लिए 79 उम्मीदवार मैदान में थे। आमतौर पर एसएफआई और आईसा अपना अलग अलग उम्मीदवार उतारते हैं लेकिन इस बाद दोनों दलों ने साझा उम्मीदवार उतारे जिसका फायदा उन्हें चुनाव में मिला। पिछले साल के छात्रसंघ चुनाव में एबीवीपी सयुक्त सचिव के पद पर जीत दर्ज करने में कामयाब रही थी लेकिन इस एबीवीपी खाता भी नहीं खोल पाई। हालांकि एबीवीपी दिल्ली विश्वविद्यालय में लगातार तीसरी बार जीत दर्ज करने में सफल रही है। शनिवार को दिल्ली विश्वविद्यालय छात्रसंघ चुनाव के नतीजों में एबीवीपी ने एक बार फिर जीत दर्ज करते हुए अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और महासचिव के पद पर जीत दर्ज की है। वहीं कांग्रेस के छात्र संघ संगठन एनएसयूआई ने सयूक्त सचिव के पद पर जीत दर्ज की है।
Delhi: Celebrations in JNU campus after AISA-SFI candidates sweep all 4 seats in #JNUSUPolls pic.twitter.com/jJlDUeHa2T
— ANI (@ANI) September 10, 2016

