दिल्ली के जहांगीरपुरी में शनिवार को हनुमान जयंती शोभायात्रा के दौरान हिंसा हो गई। दरअसल बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने हनुमान जयंती के मौके पर शोभायात्रा जुलूस निकाला था और उसके बाद असामाजिक तत्वों ने जुलूस पर पथराव किया, जिसके बाद हिंसा भड़क उठी। हिंसा में करीब 10 लोग घायल हो गए जिसमें पुलिसकर्मी भी शामिल थे। हालांकि पुलिस ने अपनी सूझबूझ से स्थिति पर जल्द नियंत्रण पा लिया और बड़ी घटना होने से बच गई।

इस हिंसा में गोली भी चली जिसमें सब इंस्पेक्टर मेदालाल घायल हो गए। मेदालाल ने एक समाचार चैनल से बातचीत के दौरान बताया कि आखिर हुआ क्या था? मेदालाल ने एबीपी न्यूज़ से बातचीत के दौरान कहा कि, “दो जुलूस निकल चुके थे और यह तीसरा और आखिरी जुलूस था। जुलूस सी ब्लॉक मस्जिद के सामने पहुंचा था, जहां पर कुछ लोग पहले से खड़े थे और बजरंग दल के कार्यकर्ता भी थे जो जय श्रीराम के नारे लगा रहे थे। लेकिन उस दौरान हमारे सीनियर पुलिसकर्मी भी थे और हमने दोनों पक्षों को समझा कर दोनों को दूर-दूर कर दिया और जुलूस आगे बढ़ गया।”

सब इंस्पेक्टर ने बताया कि, “जैसे जुलूस कुशल चौक पर पहुंचा और जुलूस आगे बढ़ा, तुरंत सी ब्लॉक साइड से पब्लिक आई और उनके हाथ में पत्थर लाठी-डंडे थे और उन्होंने पथराव करना शुरू कर दिया।”

मेदा लाल ने बताया कि, “घटना की शुरुआत तब हुई जब सी ब्लॉक मस्जिद के सामने जुलूस पहुंचा तो वहां पर कुछ पथराव हुआ, नारेबाजी हुई लेकिन उसके बाद लोगों को समझा दिया गया था, फिर शांत हो गया। लेकिन इसके बाद जैसे ही जुलूस कुशल चौक पर पहुंचा, फिर सी ब्लॉक साइड से महिलाएं, बच्चे और पुरुष कुशल चौक पर पहुंच गए और वहां पर पत्थर, लाठी, डंडे बरसाने लगे। मकानों और छतों के ऊपर से भी पत्थर फेंके जा रहे थे और उसमें महिलाएं और बच्चे भी शामिल थीं।”

दिल्ली में हुई हिंसा को लेकर राजनीतिक बयानबाजी भी तेज हो गई है। बीजेपी ने हिंसा के लिए अरविंद केजरीवाल को जिम्मेदार ठहराया है, तो वहीं शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा कि यह हिंसा एक षड्यंत्र है, जिससे आने वाले चार से पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में वोट हासिल किया जा सके।