राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने शुक्रवार को कहा कि बच्चों को देश के भविष्य के बारे में बड़ा सपना देखने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए और उनकी पूरी क्षमताओं को तलाशना चाहिए। बाल दिवस की पूर्व संध्या पर महिला एवं बाल विकास मंत्रालय को दिए अपने संदेश में मुखर्जी ने कहा कि देश का भविष्य बच्चों पर निर्भर है। उन्होंने कहा कि पर्याप्त अवसर और दिशानिर्देश मुहैया करने पर उनमें समाज और मानवता को योगदान देने के लिए अपार क्षमता होगी।

उन्होंने कहा कि बच्चों को शिक्षा हासिल करने, व्यापक ज्ञान हासिल करने और बाल हितैषी माहौल में विकसित होने का अवसर मिलना चाहिए ताकि वे लोग जीवन में किसी लक्ष्य के साथ अच्छा मनुष्य बन सकें। उन्होंने असाधारण उपलब्धि के लिए राष्ट्रीय बाल पुरस्कार 2015, राजीव गांधी मानव सेवा पुरस्कार 2015 और राष्ट्रीय बाल कल्याण पुरस्कार 2014 प्रदान करने को लेकर इस दिवस को मनाने के लिए मंत्रालय की सराहना की।

बाल कल्याण के लिए काम करने वाले बच्चों, लोगों और संस्थाओं को मान्यता देने के लिए व प्रथम प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू को श्रद्धांजलि देने के लिए राष्ट्रीय बाल पुरस्कार समारोह हर साल आयोजित किया जाता है।

राष्ट्रपति ने कहा कि इन पुरस्कारों का उद्देश्य बच्चों को असाधारण उपलब्धियों के लिए प्रोत्साहित करना और उनके पदचिह्नों पर चलने के लिए अन्य बच्चों को प्रेरित करना है। ये पुरस्कार उन लोगों और संस्थाओं की कोशिशों के लिए हैं जो बच्चों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता और समर्पण के जरिए समाज में एक परिर्वतनकारी अंतर लाए हैं।