आनंद ठाकुरिया

सीनियर एडवोकेट राम जेठमलानी ने सोमवार (छह मार्च) को वित्त मंत्री और सीनियर एडवोकेट अरुण जेटली के अंग्रेजी और सिविल लॉ के ज्ञान पर अंगुली उठा दी। जेठमलानी दिल्ली हाई कोर्ट में जेटली द्वारा दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया समेत कइयों पर दायर मानहानि के मुकदमे की सुनवाई के दौरान वित्त मंत्री से सवाल-जवाब कर रहे थे। हालांकि अदालत ने जेठमलानी के सवाल को अस्वीकार कर दिया। जेटली ने केजरीवाल तथा आम आदमी पार्टी के पाँच अन्य नेताओं पर मानहानि का मुकदमा दायर करके 10 करोड़ रुपये हर्जाने की मांग की है।

जेटली ने जब अदालत में खुद को 1977 से प्रैक्टिस कर रहे वकील के तौर पर पेश किया तो जेठमलानी ने उनसे कहा “मुझे आपके सिविल लॉ के ज्ञान के बारे में ज्यादा जिज्ञासा है?” जेटली ने खुद को सिविल और क्रिमिनल दोनों तरह के कानूनों का अनुभवी बताया था। जेठमलानी ने जेटली से पूछा कि जब आपको कोई वित्तीय नुकसान नहीं हुआ है तो आप अरविंद केजरीवाल एवं अन्य से आर्थिक हर्जाना क्यों चाहते है? जवाब में जेटली ने कहा कि उनके सम्मान को हुई क्षति इतनी बड़ी है कि वो वित्तीय आकलन से परे है? इस पर जेठमलानी ने पूछा, “तो आप मानते हैं कि आपने ये याचिका महानता की निजी भावना के तहत दायर की है न कि वित्तीय नुकसान की वजह से?” जेठमलानी ने जेटली से पूछा कि क्या उन्हें टॉर्ट लॉ का सिद्धांत पता है? जज ने जेठमलानी को इस सवाल पर जेटली के वकीलों की आपत्ति स्वीकार कर ली।

जेटली ने कहा कि वो राजनीतिक आलोचना के कभी खिलाफ नहीं रहे हैं लेकिन इस मामले में उनकी शुचिता पर सवाल उठाने वाले निजी हमले किए गए थे।आम आदमी पार्टी के नेताओं जेटली पर दिल्ली क्रिकेट अकादमी (डीडीसीए) के 13 साल तक अध्यक्ष रहने के दौरान वित्तीय अनियमितता का आरोप लगाया था।

जेठमलानी ने जेटली से पूछा कि उन्होंने पिछले साल हाई कोर्ट में तत्काल सुनवाई की मांग करते हुए कहा था कि  “मेरी निजी गुडविल” को केजरीवाल एवं अन्य के बयान से क्षति पहुंची है। लेकिन अपनी मुख्य याचिका में उन्होंने “प्रतिष्ठा” (रेपुटेशन) को हुए नुकसान के लिए हर्जाने की मांग की है। जेठमलानी ने जेटली से कहा, “मुझे उम्मीद है कि आप गुडविल और प्रतिष्ठा के बीच अंतर समझते होंगे?” जेटली ने जवाब में कहा, “दोनों शब्दों के अर्थ में एक ओवरलैपिंग एरिया है….इनका प्रयोग एक दूसरे के स्थान पर किया गया है।” इस पर जेठमलानी अदालत में ही वेबस्टर्स कम्प्रिहेंसिव डिक्शनरी खोलकर दोनों शब्दों के अर्थ दिखाने लगे। जेठमलानी ने कहा, “मैं आपको एक मानक अंग्रेजी शब्दकोश दिखाता हूं… ” हालांकि जेटली के वकीलों के आपत्ति जताने पर अदालत ने उसे स्वीकार कर लिया।

जेटली की मुश्किल तब और बढ़ गयी जब जेठमलानी ने उनसे पूछा कि क्या वो मानते हैं कि कोई ठग भी अगर कुछ अच्छा काम कर दे तो उसकी गुडविल बन जाती है? जेठमलानी ने पूछा, “क्या ये सच है कि ताकतवर लोग जो अपने अच्छे दोस्तों के लिए काफी कुछ करते हैं उनकी काफी गुडविल होती है?” लेकिन कोर्ट के रजिस्ट्रार ने इन दोनों सवालों को रद्द करवा दिया।

जेटली ने इस बात से इनकार किया कि दिल्ली के मुख्यमंत्री के तत्कालीन सचिव राजेंद्र कुमार के कार्यालय पर मारे गए सीबीआई के छापे के बारे में उन्हें पहले से पता था। जेटली ने दावा किया है कि केजरीवाल एवं अन्य ने राजेंद्र कुमार पर मारे गए छापे के बाद बदले के तौर पर उनपर गंभीर आरोप लगाए जो पूरी तरह बेबुनियाद हैं।