यूं तो भारत भी हमेशा से ये दावा करता आ रहा है कि मुंबई हमलों का आरोपी दाऊद इब्राहिम पाकिस्तान में छुपा हुआ है लेकिन अब इस वहां के एक पत्रकार ने भी मुहर लगा दी है। पाक जर्नलिस्ट आरिफ जमाल ने दाऊद के बारे में खुलासा करते हुए कहा कि जब वह लाहौर में रहते थे तो उस समय दाऊद का भाई उनका पड़ोसी था। लिहाजा इससे साफ जाहिर होता है कि दाऊद का ठिकाना अभी भी पाक में ही है।

वहीं पाकिस्ताम हमेशा से इस बात से इंकार करता आ रहा है कि उनके यहां दाउद नहीं है। हाल ही एक टीवी चैनल ने एक पाकिस्तानी जर्नलिस्ट के हवाले से खुलासा किया है कि दाऊद पाकिस्तान के कराची में ही रहता है।

जर्नलिस्ट ने पाकिस्तान की इंटेलिजेंस एजेंसी आईएसआई और आतंकी संगठनों के रिश्तों पर एक किताब भी लिखी है। उनके कई आर्टिकल्स अमेरिका और दुनियाभर के अखबारों में पब्लिश होते रहे हैं। फिलहाल जमाल वर्जीनिया में रह रहे हैं। उन्होंने बताया कि दाऊद को पाकिस्तान सरकार, सेना और आईएसआई का पूरा सपोर्ट है। यह पाकिस्तान की भारत विरोधी स्ट्रैटजी का हिस्सा है। दरअसल, पाकिस्तान दाऊद ही नहीं, हर उस ताकत को पनाह देता है जो भारत को मात देने में मदद कर सकती हो। दाऊद इसी स्ट्रैट्जी का एक पार्ट है।

पाक का सबसे बड़ा प्रोपर्टी डीलर है दाऊद
दाऊद के बारे में पाकिस्तानी मीडिया में ज्यादा जिक्र नहीं होता। लेकिन पाकिस्तान के कई लोग कराची में दाऊद से मिलते हैं और वह कराची में फ्री लाइफ जीता है। उसका वहां पता लगाना मुश्किल काम नहीं है। मैंने अपने एक कॉमन फ्रेंड के जरिए दाऊद का पता लगाया और अपने दोस्त से कहा कि उसका इंटरव्यू लेना चाहता हूं। मैं उसका इंटरव्यू तो नहीं कर पाया, लेकिन उससे दो बार मुलाकात हुई। दाऊद से मिलने कई लोग आते रहते हैं। उसका कराची और पाकिस्तान के कई हिस्सों में प्रॉपर्टी का बड़ा बिजनेस है। किसी भी प्रॉपर्टी डीलर से पूछिए, वह आपको कराची में दाऊद का पता बता देगा। मुझसे इस्लामाबाद के एक बड़े प्रॉपर्टी डीलर ने साफ कहा था कि इस समय दाऊद ही पाकिस्तान का सबसे बड़ा प्रॉपर्टी डीलर है।

डिफेंस एरिया में हुई थी दाऊद से मुलाकात
मैं केवल इतना कहूंगा कि मेरी दाऊद से मुलाकात कराची में हुई थी, लेकिन इससे ज्यादा कुछ नहीं कहूंगा। जहां मेरी उससे मुलाकात हुई, वह डिफेंस एरिया था। अगर मैं आपको उसका पता बताता हूं तो शायद अब वहां नहीं होगा, क्योंकि ऐसे लोग एक जगह से दूसरी जगह शिफ्ट करते रहते हैं। मैंने साल 2007 में पाकिस्तान छोड़ दिया था। अनीस इब्राहिम (दाऊद का भाई) लाहौर में मेरा पड़ोसी था। मैं दाऊद से दो बार मिला और दोनों ही बार हमें सिक्युरिटी चेक ज्यादा नहीं मिले। दरअसल, दाऊद जिन लोगों से मिलना चाहता है, उनके बारे में अपनी सिक्युरिटी टीम को पहले ही बता देता है।

आतंकी को मिल रही आर्मी सेना की सुरक्षा
मैं पहला पाकिस्तानी नहीं हूं जिसने दाऊद के बारे में लिखा हो, कई और लोग ऐसा कर चुके हैं। उसके बारे में कई जगह आर्टिकल पब्लिश होते रहे हैं। मुलाकात के दौरान हमारी कई मुद्दों पर बात हुई, लेकिन मुझसे पहले ही कह दिया गया था कि इस मुलाकात के बारे में कुछ नहीं लिखा जाएगा।

दाऊद के बारे में कहा जाता है कि उसने फेशियल सर्जरी कराई है, लेकिन यह सही नहीं है। हालांकि, मैंने भी इस बारे में कुछ सुना था। उम्र का असर जरूर उसके चेहरे पर दिखता है। उस घर में दाऊद के अलावा मुझे कोई और नजर नहीं आया था। कुछ सिक्युरिटी गार्डस और नौकर जरूर वहां थे।

दाऊद के उस घर में जो भी सिक्युरिटी पर्सनल थे, वे सभी बहुत अलर्ट और प्रोफेशनल दिख रहे थे। ये तो साफ है कि पाकिस्तानी आर्मी के सपोर्ट के बिना दाऊद वहां रह ही नहीं सकता। सेना को पता था कि मैं दाऊद से मिल रहा हूं। दाऊद को भारत और पाकिस्तान के रिश्तों से भी कुछ लेना-देना नहीं है।