सरकारी स्वास्थ्य कर्मचारियों के वेतन संबंधी मांग को लेकर चल रहे आंदोलन के बीच सरकार ने कर्मचारियों को बैंक में लाइन में लगने से बचाने के लिए दस हजार की नकदी अस्पतालों में ही मुहैया कराने का एलान किया है। यह वेतन में से काटा जाएगा। केंद्र सरकार के इस आदेश पर दिल्ली सरकार ने भी अपने अस्पतालों में शनिवार को सर्कुलर जारी किया है। दिल्ली सरकार के जीबी पंत सहित कई अस्पतालों में वेतन संबंधी मांग को लेकर कर्मचारी आंदोलन कर रहे हैं। सातवें वेतन आयोग के एरियर की मांग के अलावा कई तरह की मांग पर संघर्षरत कर्मचारियों को काम छोड़ कर लाइन में लगने की मजबूरी भी है। रोजमर्रा के दूध-सब्जी व किराए के लिए रुपए चाहिए ही। इसलिए छुट्टी लेकर भी कर्मचारी लाइन में लग रहे हैं। इससे सबसे ज्यादा अस्पतालों के साफ-सफाई व मरीज की देखभाल का काम प्रभावित हो रहा है।
लिहाजा केंद्र सरकार ने 23 नवंबर क ो एक आदेश निकाला कि तीसरे व चौथे समूह के सभी कर्मचारियों क ो दस हजार तक की राशि उनके कार्यस्थल पर ही दी जाएगी। कर्मचारियों को इसके लिए फार्म भरना होगा। केंद्र सरकार के इस आदेश पर केंद्र के लोक निर्माण विभाग में 24 नवंबर से अमल भी होने लगा। कर्मचारियों को आवेदन फार्म भर कर अग्रिम राशि के तौर पर यह राशि दी जाने लगी। लेकिन अभी तक दिल्ली सरकार के अस्पतालों में इस पर कोई फैसला नहीं हो पाने से असमंजस की स्थिति बनी हुई थी, जिस पर शनिवार को जारी हुए सर्कुलर के बाद विराम लग गया। तय हुआ है कि अस्पताल के कर्मचारी काम छोड़ कर लाइन में न लगें इसलिए जरूरी है कि उन्हें रोजमर्रा की जरूरतों के लिए राहत दी जाए। सोमवार से कर्मचारी आवेदनपत्र भर कर अपनी अग्रिम राशि ले सकते हैं। यह उनके अगले महीने के वेतन से काटा जाएगा।
सरकार के इस आदेश से जहां एक ओर कुछ कर्मचारी राहत महसूस कर रहे हैं वहीं कुछ कर्मचारियों को इसमें वेतन संबंधी आंदोलन को कमजोर करने की सरकार की चाल नजर आ रही है। कर्मचारियों को इसमें अगले महीने वेतन का संकट पैदा होने की आशंका भी सता रही है क्योंकि उन्हें कमरे के किराए से लेकर बच्चों के फीस व अन्य खर्चे के लिए वेतन का इंतजार है। हालात क्या होंगे यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा पर अस्पतालों में अफवाहों व अटकलों का बाजार गर्म है।