पेरिस हमलों के मद्देनजर सरकार ने सुरक्षा प्रतिष्ठानों को विशेष रूप से चौकस रहने को कहा है और फ्रांस, अमेरिका, ब्रिटेन, जर्मनी, रूस, आस्ट्रेलिया, तुर्की व इजराइल समेत विदेशी राजनयिक मिशनों में सुरक्षा कड़ी करने का आदेश दिया है। दूसरी ओर केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार कहा कि भारत पेरिस हमलों के बाद आतंकवादी समूह आइएस से पेश खतरे के प्रति चौकस है। गृह मंत्रालय ने एक परामर्श जारी किया है जिसमें कहा गया है कि आइएसआइएस की योजनाओं, हमले के लिए संवेदनशील इलाकों की पहचान करने के लिए आइएसआइएस की गतिविधियों के बारे में उपलब्ध सूचनाओं की तत्काल समीक्षा की जाए और अगर कोई संभावित खतरा है तो उसे खत्म करने के लिए उपयुक्त कार्रवाई की जानी चाहिए।
केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने यहां एक कार्यक्रम से हट कर पत्रकारों से बातचीत में कहा- आइएसआइएस किसी खास देश के लिए नहीं, बल्कि पूरी दुनिया के लिए खतरा है। भारत आइएसआइएस के प्रति चौकस है। सोमवार को भेजे गए एक परामर्श में गृह मंत्रालय ने कहा है कि पेरिस में एक साथ कई हमलों ने साफ तौर पर इशारा किया है कि आइएस इराक और सीरिया के अपने मुख्य क्षेत्र से आगे अपने आतंकवाद का दायरा फैलाना चाहता है। इसलिए जरूरी है कि किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए सुरक्षा एजंसियां पूरी तरह चौकस रहें। परामर्श में कहा गया है कि इसी के अनुरूप विदेशी मिशनों और अन्य प्रतिष्ठानों सहित ऐसे पर्यटन स्थलों, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर उचित ऐहतियाती प्रावधान किया जाए, जहां विदेशी नागरिक आते-जाते हैं।
केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने राजधानी में एक कार्यक्रम से हट कर पत्रकारों से बातचीत में कहा आइएसआइएस किसी खास देश के लिए नहीं, बल्कि पूरी दुनिया के लिए खतरा है। भारत आइएसआइएस के प्रति चौकस है। पेरिस पर शुक्रवार की रात आतंकवादी हमलों की एक शृंखला में 129 लोगों की मौत हो गई थी। स्ताद दे फ्रांस स्टेडियम के पास कम से कम दो विस्फोट हुए, जहां फ्रांसीसी राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांदे फ्रांस और जर्मनी के बीच एक दोस्ताना फुटबाल मैच देख रहे थे। इन हमलों के बाद ओलांदे ने देश में आपातकाल की घोषणा कर दी और कहा कि वे देश की सरहदें बंद कर रहे हैं।
भारतीय सुरक्षा प्रतिष्ठान के मुताबिक 20 के करीब भारतीय इराक-सीरिया में आइएसआइएस के लिए लड़ रहे हैं। उनमें महाराष्ट्र के कल्याण के दो युवा, आस्ट्रेलिया आधारित एक कश्मीरी, तेलंगाना का एक युवक, कर्नाटक का एक शख्स, ओमान आधारित एक भारतीय और सिंगापुर आधारित एक भारतीय शामिल है।
पिछले साल आइएसआइएस के साथ करीब छह महीने गुजारने के बाद कल्याण का एक युवक घर लौटा था। उसे मुंबई में गिरफ्तार कर लिया गया। आइएसआइएस के लिए लड़ते हुए मारे जाने वाले छह भारतीय में इंडियन मुजाहिदीन के तीन आतंकवादी, महाराष्ट्र के दो और तेलंगाना का एक शख्स शामिल है। संयुक्त अरब अमीरात ने आइएसआइएस के साथ संपर्क का संदेह जताते हुए 15 सितंबर को चार भारतीयों को भारत भेजा था। सितंबर में ही उसने 37 साल की महिला अफशा जबीं उर्फ निकी जोसफ को भारत भेजा था जो कथित रूप से आइएस के लिए युवकों की भर्ती कर रही थी। अभी तक 17 युवकों को सीरिया जाने से रोका गया। उनमें से ज्यादातर तेलंगाना के थे।