राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) आने वाला हर चौथा मरीज हॉस्पिटल में इलाज और अन्य सुविधाओं से असंतुष्ट है। सरकारी सर्वे में ऐसा चौकाने वाला खुलासा हुआ है। सर्वे के मुताबिक हॉस्पिटल पहुंचे 28 फीसदी मरीज इमरजेंसी और सर्जरी विभाग की सुविधाओं से असंतुष्ट रहे। 25 फीसदी लोगों ने बताया कि वो ईएनटी (कान, नाक गला) में दी गईं सेवाओं से खुश नहीं थे। कम से कम 23 फीसदी मरीज देश के सर्वोच्य हॉस्पिटल में मिले सभी तरह के उपचार और अन्य सुविधाओं से संतुष्ट नहीं थे। हॉस्पिटल आए बहुत से मरीजों ने इमरजेंसी, सर्जरी, ऑर्थोपेडिक, प्रसूति-विभाग और महिलाओं से जुड़े विभाग में मिली सुविधाओं पर नाराजगी व्यक्त की।

सर्वे के मुताबिक इस साल फरवरी से अप्रैल के बीच करीब 9,940 मरीजों में से 35 प्रतिशत के बीच नाराजगी की ‘मुख्य वजह’’ कर्मचारियों का व्यवहार रहा। ऐसा सरकार की लोगों से प्रतिक्रिया लेने वाली प्रणाली में पाया गया है। फीडबैक में कहा गया है, ‘मरीज के असंतोष की मुख्य वजह कर्मचारियों का व्यवहार (35 फीसदी) है जिसके बाद अन्य वजहें (34 फीसदी) हैं।’ केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा 2016 में शुरू की गई पहल ‘मेरा अस्पताल’ के तहत मरीजों से प्रतिक्रिया ली गई। इसमें कहा गया है कि इलाज की गुणवत्ता और इलाज का खर्च मरीजों के बीच असंतोष की अन्य वजहें (क्रमश: 13 प्रतिशत और 12 प्रतिशत) रहीं। एम्स के ‘मेरा अस्पताल’ फीडबैक के लिए कुल 9,940 प्रतिक्रियाएं मिली।

सर्वे में एम्स कार्डियलजी विभाग को सबसे अच्छी प्रतिक्रिया मिली है। विभाग में इलाज कराने आए 84 फीसदी मरीजों ने संतुष्टि व्यक्ति की। कार्डियलजी विभाग हॉस्पिटल के सबसे व्यस्त विभागों में से एक हैं। इसी तरह 80 फीसदी मरीज आई केयर की सुविधाओं से संतुष्ट रहे। बाल रोग और मनो रोग विभाग में आए करीब 80 फीसदी मरीजों ने भी विभाग में मिल रही सुविधाओं पर संतोष जताया। (भाषा इनपुट)