केन्द्रीय मंत्रिमंडल की पिछले सप्ताह हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया था| फैसले के मुताबिक एनपीएस में केन्द्र सरकार के योगदान को बढ़ाकर 14 प्रतिशत किया जायेगा। योजना के तहत कर्मचारियों का न्यूनतम योगदान उसके मूल वेतन का 10 प्रतिशत होता है।
जेटली ने बैठक के दौरान संवाददाताओं को बताया कि यह बदलाव कर्मचारियों के व्यापक हित में किया गया है। एनपीएस में सरकार के योगदान में की गई वृद्धि से सरकारी खजाने पर 2019- 20 में 2,840 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा। एनपीएस के तहत कर्मचारी सेवानिवृति के समय कुल जमा कोष में से 60 प्रतिशत राशि निकालने का पात्र है। शेष 40 प्रतिशत जुड़ी राशि पेंशन योजना में चली जाती है।
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वित्त मंत्री ने कहा कि योजना से बाहर होते समय निकाली जाने वाली 60 प्रतिशत राशि को कर मुक्त कर दिया गया है। इसके साथ ही एक तरह से पूरी राशि की निकासी कर मुक्त हो गई है। एनपीएस के अंशधारक को योजना में जमा राशि में से सेवानिवृति के समय 60 प्रतिशत राशि की निकासी में से 40 प्रतिशत कर मुक्त थी जबकि शेष 20 प्रतिशत पर कर लिया जाता है।
बहरहाल, एनपीएस के तहत अब पूरी 60 प्रतिशत निकासी को कर मुक्त कर दिया गया है। यह व्यवसथा सभी वर्ग के कर्मचारियों के लिये की गई है। लंबे समय से यह मांग की जा रही थी कि एनपीएस को भी ई-ई-ई (अंशदान पर-निवेश-प्रतिफल और निकासी) तीनों स्तर पर कर में छूट हो जैसा कि कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) और लोक भविष्य निधि (पीपीएफ) योजनाओं के मामले में है।