शुक्रवार (जुम्मे) की नमाज से पहले ही अशोक नगर व आसपास के इलाकों में स्थिति सामान्य थी, लेकिन सवाल केवल नमाज के बाद काबू स्थिति के बिगड़ने का था। यही वजह थी कि दंगे के बाद पहले जुम्मे को इलाके में कोई अजान या नमाज नहीं हुई और हर सप्ताह लगने वाला शुक्रवार बाजार भी स्थानीय लोगों ने नहीं सजने दिया। हालांकि क्षेत्रीय दुकानें भी खुलीं और स्थानीय लोग अपनी सामान्य गतिविधियों के दौरान सक्रिय भी नजर आए। दंगों के दौरान अशोक नगर व आसपास के इलाके दंगाइयों के निशाने पर थे। इस इलाके में दो मस्जिद तोड़ने की कोशिश की गई थी लेकिन अशोक नगर डी ब्लॉक की इस मस्जिद को दंगाइयों ने सबसे अधिक नुकसान पहुंचाया था। इसके बाहर बनी दुकानों में आगजनी की घटना हुई थी और एक बड़े हिस्से को तोड़ा गया। बाद में मस्जिद के ऊपर राष्ट्रीय ध्वज व हनुमान ध्वज लहरा दिया गया था।
यहां शुक्रवार को सन्नाटा पसरा रहा। इसी प्रकार एक अन्य मस्जिद में भी अशोक नगर में तोड़फोड़ हुई थी। शुक्रवार सुबह लोगों ने इस मस्जिद को बनाने की कोशिश भी की। लेकिन स्थानीय लोगों के विरोध के कारण यह काम जारी नहीं हो सका। इसके बाद पुलिस ने भी मस्जिद के आसपास में पहरा और सख्त कर दिया। इसके अतिरिक्त लोगों से क्षेत्र में शांति की अपील की गई।
साप्ताहिक बाजार भी नहीं लगा : सुरक्षा कारण व स्थानीय लोगों के विरोध के चलते अशोक नगर में लगने वाला साप्ताहिक बाजार भी शुक्रवार को नहीं लगा। यह बाजार करीब 3-4 किलोमीटर के क्षेत्र में एक लंबे समय से लगता है। लेकिन क्षेत्र में बिगड़े हालातों के बाद लोगों ने बाजार लगाने की अनुमति नहीं दी। इसके लिए रात भर पहरा भी दिया गया। क्योंकि देर रात में ही बाजार के लिए मेज लगाने का कार्य किया जाता है। लोगों ने शांति होने तक पूरे क्षेत्र में पहरा दिया। इसके अतिरिक्त लोग आपस में जुड़े रहे इसके लिए वॉट्सऐप ग्रुप बनाकर भी लोगों को जोड़कर रखने की कोशिश की गई।
मौजपुर व सीलमपुर में सामान्य होने लगे हालात : मौजपुर व सीलमपुर में भी हालात सामान्य होने शुरू हो गए हैं। सुबह कई दिनों के बाद स्थानीय दुकानें खुलीं और लोगों की चहल पहल भी शुरू हुई। इस क्षेत्र में बार-बार लोगों के लिए खाद्य सामग्री कम होने की सूचनाएं भी सामने आ रही थीं। इसके बाद दिल्ली सिख गुरुद्वारा कमेटी ने पहल की और इलाके के लोगों को खाद्य सामग्री उपलब्ध कराई।
रकाबगंज से सेवा के लिए अपनी टीम के साथ पहुंचे बलविंदर सिंह ने बताया कि पीड़ितों की सहायता के लिए सुबह 11 बजे ही यहां पर टीम लगा दी गई थी। ऐसी 10 गाड़ियां इन क्षेत्रों में प्रयोग की जा रही हैं। सुबह के वक्त इनके द्वारा दूध-पानी की बोतलें, दाल प्रसाद, रोटी समेत अन्य खाद्य सामग्री लोगों को बांटी गई। यह सेवा सुबह 11 से 3 बजे तक भी जारी थी। इसी बीच इन इलाकों में पुलिस की गश्त पार्टियां भी सक्रिय दिखीं और मोटरसाइकिलों पर पुलिस कर्मी गश्त करते नजर आए।