पूर्व नौकरशाह बीके बंसल और उनके बेटे ने मंगलवार को अपने घर पर खुदकुशी कर ली। बंसल कॉर्पोरेट मंत्रालयस में डीजी थे। उन्हें सीबीआई ने भ्रष्टाचार के एक मामले में गिरफ्तार किया गया था। बंसल और उनके बेटे के शव मधु विहार स्थित घर से बरामद किए गए। इसी साल जुलाई में जब बंसल की गिरफ्तारी हुई थी उस समय उनकी पत्नी और बेटी ने भी सुसाइड कर ली थी। बंसल पर एक फार्मा कंपनी से नौ लाख रुपये घूस में लेने का आरोप था। सीबीआई ने उनके अपार्टमेंट से 60 लाख रुपये नकद, 20 प्रोपर्टी के दस्तावेज और 60 बैंक खातों के दस्तावेज बरामद किए थे। बताया जाता है कि बंसल पत्नी और बेटी की मौत के बाद से सदमे में थे।
बीके बंसल कारपोरेट भारतीय कॉरपोरेट विधि सेवा (आईसीएलएस) के वरिष्ठ प्रशासनिक ग्रेड के अधिकारी थे। उन्हें पिछले साल कॉरपोरेट मामलों के महानिदेशक के पद पर नियुक्त किया गया था। 16 जुलाई को सीबीआई ने बीके बंसल को मुंबई की एक कंपनी से फाइव स्टार होटल में 9 लाख रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया था। उनके साथ तीन अन्य अधिकारी भी गिरफ्तार किए गए थे। बंसल सहित गिरफ्तार तीनों अधिकारी मुंबई की फार्मास्यूटिकल्स कंपनी के हाथों किए जा रहे उल्लंघन की जांच से जुड़े थे। मुंबई वेस्टर्न रीजन (कॉरपोरेट मामलों का मंत्रालय) के रीजनल डायरेक्टर ने जांच के दौरान गड़बड़ियां पाई थीं। मुंबई की इस कंपनी के सीईओ ने जांच से बचने के लिए कथित तौर पर एक बिचौलिए से मदद मांगी जो दिल्ली में उनके डिस्ट्रिब्यूटर के तौर पर काम कर रहा था।

आरोप है कि बंसल ने एसएफआइओ की जांच रिपोर्ट की सिफारिश आगे नहीं बढ़ाने की एवज में 50 लाख रुपए की रिश्वत मांगी। दिल्ली के इस बिचौलिए ने मोल-भाव कर 20 लाख में सौदा तय कर लिया और इसकी दूसरी किस्त नौ लाख देते वे रंगे हाथ दबोचे गए। वह जमानत पर थे। उनकी पत्नी और बेटी ने सुसाइड के बाद अलग-अलग सुसाइड नोट छोड़े थे। इनमें कहा गया है कि सीबीआइ के छापे से बहुत बदनामी हुई और वे उसके बाद जिंदा नहीं रहना चाहतीं। उन्होंने अपनी मौत के लिए किसी को जिम्मेदार नहीं ठहराया।

