मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार किए गए दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन को लेकर प्रवर्तन निदेशालय ने कुछ जानकारी दी है। ईडी ने कहा कि सत्येंद्र जैन काफी धीमी गति में लिखते हैं और एक पेज लिखने में उन्होंने दो घंटे लगा दिए।
सत्येंद्र जैन मामले की जांच कर रही एजेंसी ने दिल्ली की अदालत को बताया कि मंत्री की बेहद धीमी गति का मतलब है कि उन्होंने अपना बयान लिखने में सबसे अधिक समय लिया। एजेंसी ने सत्येंद्र जैन की कस्टडी बढ़ाने की मांग करते हुए अदालत के सामने यह बात बताई। ईडी ने आप नेता की कस्टडी 5 दिन और बढ़ाने की मांग की है।
अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने अदालत को बताया, “सत्येंद्र जैन धीमे लेखक हैं और एक पेज लिखने में लगभग दो घंटे का समय ले रहे हैं। ईडी चाहता है कि वह अपना बयान अपनी लिखावट में लिखे, अन्यथा उनका बयान स्वीकार नहीं किया जाएगा।” हालांकि, सत्येंद्र जैन ने अपनी सफाई में कहा कि वह एक मंत्री हैं और लिखना जानते हैं और उन्होंने देरी के लिए ईडी को ही जिम्मेदार ठहराया है।
वहीं, जैन की तरफ से वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने दलील दी। उन्होंने कहा कि सत्येंद्र पहले से ही हिरासत में हैं और उनकी हिरासत को आगे बढ़ाने का कोई आधार नहीं है। हालांकि, अदालत ने सत्येंद्र जैन की हिरासत सोमवार तक के लिए बढ़ा दी है।
जैन की कस्टडी बढ़ाए जाने के बाद, उनके वकील ने कहा कि कोविड से पीड़ित होने के बाद से जैन स्लीप एपनिया से पीड़ित थे। उन्होंने कहा कि इस वजह से उनकी तबियत ठीक नहीं थी, इसलिए उन्हें अस्पताल भेजा जाना था। अदालत की सुनवाई के बाद मंत्री को अस्पताल ले जाया गया।
जैन ने अदालत को बताया कि स्वास्थ्य समस्याओं के बावजूद वह जांचकर्ताओं के साथ सहयोग कर रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि वह निश्चित रूप से “लिखना जानते हैं” और उन्होंने देरी के लिए प्रवर्तन निदेशालय को दोषी ठहराया। जैन ने कहा, “प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारी समय बर्बाद करते हैं, वे मुझसे घंटों कुछ नहीं पूछते। अब वे कह रहे हैं कि मुझे लिखना नहीं आता। मैं एक मंत्री हूं और मुझे लिखना आता है।”