दिल्ली परिवहन निगम (डीटीसी) के कर्मचारियों को अभी तक सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों का लाभ नहीं मिला है। इसको लेकर बुधवार को दिल्ली सरकार व डीटीसी के अधिकारियों के बीच बैठक भी हुई। बैठक में दिल्ली सरकार के वित्त सचिव एसएन सहाय ने यह कहते हुए डीटीसी कर्मचारियों को सातवें वेतन आयोग का लाभ देने से मना कर दिया कि डीटीसी एक स्वायत्त निकाय है और किसी भी स्वायत्त निकाय में वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू नहीं किया जाता है।
इस बारे में डीटीसी के पीआरओ आरएस मिन्हास का कहना है कि वे बोर्ड की बैठक का ब्योरा फाइनल होने के बाद ही इस बारे में स्पष्ट बता पाएंगे। हालांकि इसमें अभी कुछ भी तय नहीं हुआ है। उनका कहना है कि अगर कर्मचारियों को इस वेतन आयोग का लाभ नहीं मिलता है तो दूसरा विकल्प ‘इंडस्ट्रियल डीए’ का है जिस पर विचार हो सकता है, लेकिन मामला सरकार से सहमति मिलने के बाद ही साफ हो पाएगा। आखिरकार सरकार जो फैसला करेगी वही बोर्ड और आगे लागू किया जाएगा। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि इससे पहले के छठे, पांचवें व अन्य वेतन आयोगों की सिफारिशों को सरकार ने डीटीसी में लागू किया था।
वहीं डीटीसी के कर्मचारियों का कहना है कि सरकार को डीटीसी को कुछ देना होता है तो वह इसे स्वायत्त संस्था कह कर पल्ला झाड़ लेती है और अगर डीटीसी से कुछ फायदा उठाना हो तो इसे दिल्ली सरकार के अधीन बताया जाता है। एक अन्य कर्मचारी का कहना था कि डीटीसी कर्मचारियों का वेतन पड़ोसी राज्यों के परिवहन निगमों से कम है। उत्तर प्रदेश और हरियाणा के परिवहन निगमों में काम करने वाले लोग डीटीसी के कर्मचारियों से ज्यादा वेतन पाते हैं।