आप विधायक सोमनाथ भारती को गिरफ्तार किया जा सकता है क्योंकि दिल्ली उच्च न्यायालय ने भारती की पत्नी द्वारा उनके खिलाफ दर्ज कराए गए घरेलू हिंसा के मामले में उनकी अग्रिम जमानत अर्जी आज खारिज कर दी और कहा कि आप नेता के खिलाफ आरोपों के समर्थन में दस्तावेजी सबूत हैं।

दिल्ली के पूर्व कानून मंत्री भारती के खिलाफ उनकी पत्नी लीपिका मित्रा द्वारा दर्ज आरोपों को बहुत गंभीर बताते हुए न्यायमूर्ति सुरैश कैत ने कहा कि वह उनकी क्रूरता और कठोर व्यवहार को सहन करती रहीं हैं।

मामले में गिरफ्तारी से संरक्षण प्रदान करने की भारती की याचिका खारिज करते हुए अदालत ने कहा कि एक विधायक होने के नाते उन्हें अपनी पत्नी और बच्चों के प्रति और अधिक उदारता और जिम्मेदारी दिखानी चाहिए।

न्यायाधीश ने कहा, ‘‘मौजूदा मामला आईपीसी की धाराओं 498-ए, 406 के तहत अपराधों का कोई सामान्य मामला नहीं है क्योंकि फरियादी जघन्य हमलों के साथ क्रूरता सहन करती रही हैं, जो शिकायती द्वारा याचिकाकर्ता (भारती) को 20 मार्च, 2013 को भेजे गये एक ईमेल से स्पष्ट है।’’

न्यायाधीश ने कहा, ‘‘पहले उन्हें आर्थिक कठिनाइयां थीं, इसलिए हर बार उन्होंने अपनी पत्नी के साथ समझौता किया। लेकिन विधायक चुने जाने के बाद वह अपनी पत्नी की भावनाओं और विश्वास को नहीं जीत सके।’’

अदालत ने भारती की अग्रिम जमानत अर्जी पर आदेश आने तक उन्हें गिरफ्तारी से संरक्षण प्राप्त होने के बाद आधी रात के बाद थाने पहुंचने के उनके नाटकीय अंदाज को लेकर भी उनकी खिंचाई की।

न्यायाधीश ने कहा, ‘‘इस अदालत के 15 सितंबर, 2015 के आदेश के तहत सरंक्षण प्राप्त होने के बाद भारती देर रात दो बजे थाने पहुंचे और पुलिस अधिकारियों को उनकी मौजूदगी दर्ज करने के लिए बाध्य किया। किसी भी तरीके से याचिकाकर्ता के कथित आचरण को सराहा नहीं जा सकता। इस तरह, उन्होंने इस अदालत द्वारा मिले संरक्षण का दुरुपयोग किया है।’’

अदालत ने आरोपों का समर्थन करने वाली लिपिका की इस बारे में मेडिकल रिपोर्ट पर भरोसा किया कि जब वह गर्भवती थीं तो भारती ने उन पर कुत्ता छोड़ दिया था।

लिपिका ने 10 जून को दिल्ली महिला आयोग के समक्ष घरेलू हिंसा की शिकायत दर्ज कराई थी जिसमें आरोप लगाया था कि वर्ष 2010 में उनके विवाह के बाद से ही उनके पति उन्हें प्रताड़ित करते रहे हैं। इस संबंध में उन्होंने पुलिस में भी शिकायत दर्ज कराई।

दिल्ली पुलिस ने तब भारती के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 307 (हत्या का प्रयास), 498ए (पत्नी के साथ क्रूरता), 324 (खतरनाक हथियार से चोट पहुंचाना), 406 (आपराधिक विश्वासघात), 313 को 511 के साथ पढ़ा जाए (महिला की सहमति के बिना उसका गर्भपात कराने का प्रयास करना), 420 (धोखाधड़ी) और 506 (आपराधिक धमकी) के तहत प्राथमिकी दर्ज की।

अदालत ने भारती को राहत देने से इनकार करते हुए इस तथ्य को भी संज्ञान में लिया कि वह मालवीय नगर थाने में दर्ज दो और मामलों में कथित तौर पर शामिल थे। इनमें एक मामला छेड़छाड़ का है।

न्यायाधीश ने 23 पन्नों के आदेश में कहा, ‘‘इसके अलावा दलीलों के दौरान सरकार के वकील ने भारती के कुत्ते द्वारा उन्हें काटे जाने के मेडिकल कागजात पेश किये। आप विधायक के खिलाफ आरोप मामूली नहीं हैं बल्कि दस्तावेजी सबूतों के साथ हैं।’’