दिल्ली पुलिस में भ्रष्ट अफसरों की कमी नहीं है। वे जहां, जिस यूनिट में पदस्थापित होते हैं वहीं भ्रष्टाचार के दलदल में गोते लगाने लगते हैं। यहां तक की जिले के अलावा दिल्ली सशस्त्र पुलिस की बटालियन, पीसीआर, आइजीआइ, स्पेशल सेल, रसद व आपूर्ति, अपराध शाखा, रेलवे व मेट्रो, सतर्कता और पुलिस ट्रेनिंग स्कूलों में तैनात पुलिसकर्मी भी बेदाग नहीं। ट्रैफिक पुलिस में भ्रष्ट अधिकारियों के आंकड़े बताते हैं कि पुलिस के खिलाफ जनवरी 2011 से मई 2017 तक भ्रष्टाचार को लेकर साढ़े चार हजार से ज्यादा शिकायत दर्ज की गई हैं।
सिपाही से लेकर हवलदार और सब इंसपेक्टर से लेकर इंसपेक्टर तक की सूची उपलब्ध कराई गई है पर उससे उपर के अधिकारियों के नाम नहीं है। कुछ जिलों के रिकार्ड नष्ट हो गए हैं बांकी छह जिलों के आंकड़े ही इनके भ्रष्ट होने के लिए काफी लगता है। हालांकि भ्रष्टाचार के मामले में दर्ज शिकायत में सभी दोषी नहीं पाए गए हैं। कुछ मामले में उन्हें बेदाग भी घोषित किया गया।
दिल्ली पुलिस देश की सर्वश्रेष्ठ पुलिस की गिनती में शुमार है। केंद्र और राष्ट्रीय राजधानी होने के नाते यहां की पुलिस सीधे तौर पर गृह मंत्रालय से संचालित होती है। लेकिन आंकड़ों की मानी जाए तो दिल्ली पुलिस और दिल्ली ट्रैफिक पुलिस के खिलाफ जनवरी 2011 से मई 2017 तक भ्रष्टाचार को लेकर 4500 से ज्यादा शिकायतें दर्ज की गईं हैं। कुछ शिकायतें विभागीय जांच में प्रमाणित नहीं हुर्इं, वहीं कुछ मामलों में अभी जांच जारी है। कई जिलों में 2011 से लेकर 2013 तक के रिकार्ड नष्ट कर देने की भी सूचना है। यह खुलासा खुद पुलिस ने पब्लिक प्रोटेक्शन मूवमेंट आर्गेनाइजेशन के जीशान हैदर की ओर से सूचना के अधिकार के तहत दिल्ली पुलिस में भ्रष्टाचारियों की सूची मांगे जाने पर दी गई।
पुलिसकर्मियों के खिलाफ छह जिलों में शिकायतों का रिकार्ड उपलब्ध है। पुलिस की ओर से दी गई सूचना के मुताबिक दिल्ली पुलिस के छह जिलों व अन्य यूनिटों में 2432 शिकायतें दर्ज हैं। सबसे ज्यादा शिकायतें उत्तरी जिला पुलिस में 672, मध्य जिला पुलिस में 606 और नई दिल्ली जिला पुलिस में 242 दर्ज हैं।
इन शिकायतों में दोषी पाए गए भ्रष्टाचारियों पर कार्रवाई की गई जबकि कुछ के खिलाफ अभी जांच जारी है। नवनियुक्त शाहदरा जिला में सबसे कम शिकायतें दर्ज हैं। इसी साल एक जनवरी से शुरू शाहदरा में सिर्फ नौ पुलिस वालों के खिलाफ भ्रष्टाचार की शिकायत दर्ज हैं। इन शिकायतों में पांच जुलाई तक दर्ज शिकायतों में तीन को सही पाया गया जबकि छह जांच के दायरे में हैं। पूर्वी जिला पुलिस के खिलाफ भ्रष्टाचार के 42 शिकायतें दर्ज हैं। इसके अलावा सर्तकता, स्पेशल सेल और पीसीआर के खिलाफ भी भष्टाचार के काफी मामले दर्ज हुए हैं। सतर्कता विभाग के खिलाफ 408 शिकायतें दर्ज हुई हैं। इनमें से 31 शिकायतें सही पाई गई हैं।

