दिल्ली की सड़कों पर अब पानी के लिए एटीएम बूथ (क्योस्क) नजर आने लगेंगे। बस स्टैंड, मेट्रो स्टेशन, भीड़-भाड़ वाले व्यावसायिक परिसरों और बाजारों में इसे लगाने की योजना है। नई दिल्ली नगर पालिका परिषद (एनडीएमसी) ने इसे 15 जगहों पर प्रयोग के तौर पर शुरू भी कर दिया है। दिल्ली के तीनों नगर निगमों में दक्षिणी निगम ने भी इसके लिए 100 जगहों पर सर्वेक्षण शुरू कर दिया है। केंद्र सरकार के स्मार्ट 20 शहरों में दिल्ली भी शुमार है लिहाजा यहां नई दिल्ली नगर पालिका परिषद ने अपनी ओर से कई अत्याधुनिक और डिजिटल क्योस्क लगाने शुरू कर दिए हैं। इसी योजना का एक हिस्सा पानी का एटीएम लगाने का भी है। एनडीएमसी ने अपने इलाके में 37 जगहों को चिह्नित कर क्योस्क लगाना शुरू कर दिया है। कुछ जगहों पर प्रयोग के तौर पर एटीएम लगाए गए हैं, इस महीने के अंतिम तक 15 जगहों पर एटीएम लग जाएंगे।
एनडीएमसी एक रुपए में तीन सौ ग्राम पानी उपलब्ध करा रही है। प्याऊ और ठेले पर मिल रहे पानी से इतर इस एटीएम में डिस्पोजल ग्लास भी मिलेंगे। इसकी कीमत एक रुपए तय की गई है। यह सब कुछ आॅटोमैटिक और डिजिटल व्यवस्था के तहत उपलब्ध होगी। पूरी दिल्ली में एनडीएमसी करीब दस से 12 फीसद हिस्से की ही देखरेख करता है। करीब दो फीसद भागों में दिल्ली छावनी बाकी के सारे हिस्से दिल्ली के नगर निगमों के अधीन है। निगम सूत्रों का कहना है कि पिछले दिनों उपराज्यपाल से जब निगमों के आयुक्तों और अन्य आला अधिकारियों की बैठक हो रही थी तभी उपराज्यपाल ने यह सुझाव दिया था कि क्यों नहीं निगम भी दिल्ली के लोगों को सस्ता और शुद्ध पानी उपलब्ध कराए। सस्ते पानी के एटीएम लगाने में मौजूदा समय में दक्षिणी निगम ही सक्षम है बाकी उत्तरी और पूर्वी निगम की माली हालत अभी नई योजना को लागू करने की नहीं है। निगम सूत्रों का कहना है कि इसके लिए सर्वेक्षण और टेंडर प्रक्रिया पर काम शुरू कर दिया गया है। हालांकि जब तक निगम की स्थाई समिति का गठन नहीं हो जाता तब तक इस प्रक्रिया को वैधानिक रूप देने में कठिनाई होगी।
दक्षिणी निगम ने करीब सौ जगहों पर एटीएम क्योस्क लगाने की दिशा में काम शुरू कर दिया है। यह एटीएम उच्च तकनीक से लैश होगा। एटीएम के लिए दिल्ली जल बोर्ड से निगम को कई प्रकार के समझौते करने पड़ेगें। इसके लिए निगम को जल बोर्ड से अलग अपने साइटों पर विज्ञापन लगाने का अधिकार मिलेगा। पानी के लिए बोतल डिस्पोजल होगा और इसकी कीमत अभी तय नहीं की गई है। पानी के लिए रुपए लिए जाएंगे या निशुल्क होगा इस पर भी अंतिम फैसला लिया जाना बाकी है। इसके लिए निगम की स्थाई समिति में अंतिम फैसला होगा। निगम के आधिकारिक सूत्रों का कहना है कि चूंकि एनडीएमसी ने प्रयोग शुरू कर दिया है इसलिए निगम फूंक-फूंक कर कदम रख रहा है ताकि उपराज्यपाल के सुझाव को अमलीजामा पहनाया जा सके।

