ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड से हटाये गये मौलाना सलमान नदवी भले ही अब अपने बयान से पीछे हट गये हों और अयोध्या विवाद को सुलझाने के लिए सुप्रीम कोर्ट के फैसले का इंतजार करने की बात कह रहे हों, लेकिन एक दूसरे मुस्लिम धर्मगुरु ने भी ऐसा ही बयान देकर इस विवाद को हवा दे दी है। दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग के चेयरमैन डॉ जफरूल इस्लाम खान ने इस विवाद का ‘कोर्ट से बाहर समाधान’ के मौलाना नदवी के बयान का समर्थन किया है। उन्होंने अयोध्या में मस्जिद को विवादित स्थल से दूर ले जाने की भी पैरवी की है। इस्लामिक धर्मगुरु डॉ जफरूल इस्लाम खान ने दावा किया है कि मौलाना नदवी का बयान सही और तार्किक है। डॉ जफरूल इस्लाम खान का एक लिखित बयान न्यूज 18 उर्दू पर आया था। इस बयान में उन्होंने कहा है कि हिन्दुओं और मुसलमानों ने बाबरी मस्जिद के विवाद को राजनीतिक बनाकर उलझा दिया है।

मिस्र के काहिरा से इस्लाम की शिक्षा हासिल करने वाले डॉ जफरूल इस्लाम खान ने कहा है कि मुस्लिम नेता और राजनीतिक प्रतिनिधि अक्सर जोश में कहते दिख जाते हैं कि एक मस्जिद, मस्जिद ही रहेगी, यद्यपि पवित्र कुरान और हदीस में कहीं भी ऐसा कुछ तर्क नहीं दिया गया है। उन्होंने अपने बयान में कहा है, “मुस्लिम देशों में भी मस्जिदों को एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाने का वर्णन मिलता है, ऐसा मदीना (सउदी अरब) और त्रिपोली (लीबिया) में भी होता आया है।” मौलाना नदवी के पक्ष में बयान देते हुए उन्होंने कहा कि वह उन्हें तीन दशकों से एक विद्वान और जहीन शख्स के तौर पर जानते हैं। उन्होंने कहा, “मैं उनके साथ कई मुद्दों पर अलग राय रख चुका हूं, लेकिन उनकी इमानदारी पर कभी शक नहीं किया।” अयोध्या विवाद पर उन्होंने कहा कि मौलाना नदवी का सुझाव तार्किक है, लेकिन श्री श्री रविशंकर की कौन सुनेगा। उन्होंने कहा कि इसमें सरकारों को भी शामिल किया जाना चाहिए, कोर्ट और आरएसएस भी एक साथ आएं।