दिल्ली सरकार ने जनता को आश्वासन दिया है कि वह घबराए नहीं, क्योंकि सरकार की स्वास्थ्य सेवाएं डेंगू और चिकनगुनिया से निपटने के लिए तैयार हैं। राजधानी के अंदर बुखार के मरीजों के लिए 1000 अतिरिक्त बिस्तर हैं और डेंगू और चिकनगुनिया की जांच की मुफ्त सुविधा सरकारी संस्थानों में उपलब्ध है। सरकार ने यह भी कहा कि राजधानी के बाहर से आने वाले मरीजों को भी इलाज मुहैया कराया जाएगा। इसी बीच दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री ने कई अस्पतालों का दौरा किया।  चिकनगुनिया से हुई मौत की खबरों के बीच मंगलवार को दिल्ली सरकार ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा कि हमारी स्वास्थ्य संस्थाएं पूरी तरह तैयार हैं। दिल्ली के तीन प्रमुख अस्पतालों (राजीव गांधी सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल, जनकपुरी सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल, दीप चंद बंधु अस्पताल) में बुखार के मरीजों के लिए 1000 अतिरिक्त बिस्तरों की व्यवस्था की गई है। बुखार के लिए इन अस्पतालों को नोडल अस्पताल बनाया गया है।

इसके अलावा 26 अस्पतालों में चौबीसों घंटे चालू रहने वाला बुखार क्लीनिक बनाया गया है। बुखार के मरीजों के इलाज के लिए दिल्ली सरकार की 262 डिस्पेंसरियों (सुबह 8 से शाम 4 तक खुला) और 106 आम आदमी मोहल्ला क्लिनिक (सुबह 8 से दोपहर 2 तक खुला) में भी व्यवस्था की गई है। आम जनता के दिशानिर्देश और सलाह के लिए डीएचएस कंट्रोल रूम बनाया गया है जहां 011-22307145 पर फोन कर कोई भी जानकारी ले सकता है।  सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में मुफ्त जांच के अतिरिक्त दिल्ली सरकार ने निजी संस्थानों में जांच की ऊपरी सीमा तय की है। डेंगू के लिए यह 600, चिकनगुनिया के लिए 1500 और प्लेटलेट्स के लिए 50 रुपए है। इसके साथ ही दिल्ली के सभी सरकारी और निजी अस्पतालों को अपनी क्षमताओं को बढ़ाने का आदेश दिया गया है। निजी नर्र्सिंग होम्स को भी अपने बिस्तरों में 10 से 20 फीसद इजाफा करने को कहा गया है। इसके लिए नियमों में तीन महीने की छूट दी गई है। नर्सिंग होम्स अतिरिक्त बेड पर न्यूनतम शुल्क (सबसे सस्ते अस्पताल का शुल्क) पर 50 फीसद से ज्यादा शुल्क नहीं ले सकेंगे।

दिल्ली सरकार के अनुसार डिक्लोफेन, आईबुप्रोफेन, एस्प्रीन आदि की ओवर-दी-काउंटर बिक्री पर रोक लगा दी गई है। खून और प्लेटलेट्स की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए सभी अस्तपतालों को ब्लड बैंक में पर्याप्त मात्रा बनाए रखने को कहा गया है। इसके अतिरिक्त दिल्ली सरकार ने बताया कि तीनों नगर निगमों को अग्रिम में (6 जून, 2016) पहला अनुदान दे दिया गया था ताकि वे मच्छर जनित बीमारियों से बचाव का काम कर सकें। सरकार ने कहा कि डेंगू टास्क फोर्स इनकी रोकथाम और नियंत्रण में लगा है और स्थानीय निकायों और अन्य संबंधित विभागों के साथ नियमित बैठकें की गई हैं।