केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) केंद्रीय विद्यालयों, नवोदय विद्यालयों और अन्य सरकारी विद्यालयों में पढ़ने वाली छात्राओं को इंजीनियरिंग कॉलेजों में दाखिले के लिए तैयार करने के उद्देश्य से ‘उड़ान’ योजना चलाता है। ‘उड़ान’ के लिए आॅनलाइन आवेदन 18 जुलाई से शुरू होंगे और इसकी अंतिम तिथि 31 जुलाई है। यह योजना केंद्रीय मानव संसाधन विकास (एचआडी) मंत्रालय की देखरेख में चलती है। इस योजना के माध्यम से छात्राओं की स्कूली शिक्षा और इंजीनियरिंग पाठ्यक्रमों की प्रवेश परीक्षा के लिए पढ़ाई के अंतर को कम किया जाता है। इसके तहत कक्षा 11 और 12 की छात्राओं को आॅनलाइन और आॅफलाइन माध्यम से प्रवेश परीक्षा की तैयारी कराई जाती है। देश के बड़े इंजीनियरिंग कॉलेजों में छात्राओं की संख्या बढ़ाना इसका प्रमुख उद्देश्य है।
इस योजना के तहत हर साल देश भर से 1,000 छात्राओं का चयन योग्यता और आवश्यकता के आधार पर किया जाता है। चयनित छात्राओं को इंजीनियरिंग पाठ्यक्रमों की प्रवेश परीक्षा की तैयारी के लिए कोई शुल्क नहीं लिया जाता है। छात्राओं को तैयारी के लिए वीडियो और अध्ययन सामग्री भी उपलब्ध कराई जाती है। छात्राओं की कक्षाएं देशभर में फैले 65 केंद्रों पर आयोजित की जाती हैं। इसके अलावा सीबीएसई उनको टैबलेट खरीदने के लिए वित्तीय सहायता भी देता है। इन टैबलेट के माध्यम से छात्राएं घर पर रहकर भी परीक्षा की तैयारी बेहतर तरीके से कर पाती हैं। इन छात्राओं के अभिभावकों को प्रेरित करने के लिए बोर्ड समय-समय पर उनका मार्गदर्शन भी करता है।
कौन कर सकता है आवेदन
वे छात्राएं जो वर्तमान सत्र में केंद्रीय विद्यालयों, नवोदय विद्यालयों व अन्य सरकारी विद्यालयों या बोर्ड से संबद्ध निजी विद्यालयों में कक्षा 11 में भौतिक विज्ञान, रसायन विज्ञान और गणित (पीसीएम) पढ़ रही हैं। इसके अलावा इन छात्राओं के दसवीं की बोर्ड परीक्षा में कम से कम 70 फीसद अंकों के साथ विज्ञान और गणित में कम से कम 80 फीसद अंक होने चाहिए। अगर परिणाम ग्रेड में है तो 8 सीजीपीए और विज्ञान व गणित में 9 सीजीपीए ग्रेड आए होंं। छात्राओं के परिवार की वार्षिक आय 6 लाख रुपए से कम होनी चाहिए।
आॅनलाइन होगा आवेदन
सीबीएसई की वेबसाइट पर दिए गए लिंक के माध्यम से आॅनलाइन आवेदन किया जा सकता है। इस योजना के बारे में अधिक जानकारी के लिए फोन नंबर 011-23214737 पर संपर्क किया जा सकता है।
सरकार देती है कॉलेज की फीस
सबसे बड़ी बात है कि ‘उड़ान’ कक्षाओं में 75 फीसद उपस्थिति वाली छात्राएं अगर केंद्र सरकार के इंजीनियरिंग कॉलेज, प्रौद्योगिकी संस्थान, आइआइटी व एनआइटी आदि में प्रवेश के लिए चुनी जाती हैं तो उनका प्रवेश शुल्क, फीस और छात्रावास व्यय सरकार की ओर से ही प्रदान किया जाएगा।