दिल्ली के एक स्लॉटर हाउस (बूचड़खाना) में पशु अधिकार उल्लंघन का चौका दाने वाला मामला सामने आया है। आरोप है कि बूचड़ खाने में जानवारों को काटने से पहले करंट दिया जाता है। ईस्ट दिल्ली की मेयर और बीजेपी नेता सत्या शर्मा का दावा कि जब वह गाजीपुर के बूचड़खाने में औचक निरीक्षण के लिए पहुंची तो उन्होंने देखा कि भैस और भेड़ को हुक से लटकता हुआ पाया, जबकि वे अब भी होश में थे। उनके मुताबिक बूचड़खाने में जानवारों को बेहोश करने की जो प्रकिया देखी उसे देखकर वह हैरानी रह गई। शर्मा का ओरप है कि भैसों का गला काटने से पहले उनके शरीर पर तार के जरिए करंट दिया जाता था।

10 अगस्त को औचक निरीक्षण के बाद शर्मा ने इस बात की जानकारी एडिशनल कमिश्नर ईडीएमसी सी ए धन, दिल्ली स्लॉटर हॉउस मॉनिटीरिंग कमेटी की सदस्य गौरी मौलेखी और कुछ पशु विशेषज्ञों को दी। उन्होंने कहा कि बीमार पशुओं को दूसरे जानवारों से रखने का भी प्रावधान नहीं था। उन्होंने बताया कि स्लॉटर हाउस देश का सबसे यांत्रिक बूचड़खाना है और यह ईडीएमसी के सुपरविजन में काम करती है। उन्होंने कहा कि यह पहला निरीक्षण था और जो मैंने देखा उसके बाद मैं चौंक गई। जानवरों के साथ इस तरह की क्रूरता बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

शर्मा ने कहा कि जानवारों की गिनती और सीसीटीवी लगाए जाने के लिए भी कहूंगी। दिल्ली स्लॉटर हॉउस मॉनिटीरिंग कमेटी की सदस्य गौरी मौलेखी ने कहा कि गाजीपुर बूचड़खाना पब्लिक लॉयबिल्टी से काफी दूर है। उन्होंने बताया कि 4 करोड़ सालाना पर यह बूचड़खाना कॉंट्रैक्टर कंपनी को किराए पर दिया गया है। उन्होंने आरोप लगाया कि कंपनी ने ईडीएमसी के तहत खाद्य सुरक्षा और पशु कल्याण से जुड़े सभी कानूनों का उल्लंघन किया है।