बीके बंसल और उनके बेटे की सुसाइड के बाद सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेंस्टिगेशन (सीबीआई) ने कहा कि उन्होंने बीके बंसल के बेटे योगेश से कभी कोई पूछताछ नहीं की थी और ना ही उन्हें कोई समन भेजा था। दरअसल, बीके बंसल और उनके बेटे की सुसाइड के बाद ऐसी खबरें आई हैं कि बंसल ने अपने सुसाइड नोट में सीबीआई पर मानसिक उत्पीड़न का आरोप लगाया है। इसके लिए सीबीआई की सफाई आई है कि उन्होंने कभी भी योगेश से पूछताछ नहीं की थी। सीबीआई के प्रवक्ता आरके गौर ने कहा, ‘हमें बीके बंसल के बारे में सुनकर काफी दुख हुआ। इस मामले को स्थानीय पुलिस देख रही है।’ गौर ने बताया कि बंसल को 20 जुलाई 2016 को 21 अगस्त 2016 तक के लिए अंतरिम जमानत दी गई थी। इसके बाद 30 अगस्त 2016 को उन्हें रेगुलर जमानत दे दी गई थी। गौर ने बंसल के बेटे योगेश के बारे में कहा कि योगश ना तो केस में आरोपी था और ना ही उससे कभी भी कोई पूछताछ की गई थी।
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बीके बंसल कॉरपोरेट अफेयर के पूर्व डीजी थे। बंसल पर एक फार्मा कंपनी से नौ लाख रुपये घूस में लेने का आरोप था। सीबीआई ने उनके अपार्टमेंट से 60 लाख रुपये नकद, 20 प्रोपर्टी के दस्तावेज और 60 बैंक खातों के दस्तावेज बरामद किए थे। उन्हें सीबीआई ने भ्रष्टाचार के एक मामले में गिरफ्तार भी किया गया था। जुलाई में जब बंसल की गिरफ्तारी हुई थी उस वक्त उनकी पत्नी और बेटी ने भी सुसाइड कर ली थी। मंगलवार (27 सितंबर) को बीके बंसल ने भी आत्महत्या कर ली थी। उनके साथ-साथ उनके बेटे योगेश ने भी अपनी जान दे दी। दोनों का शव पुलिस ने पूर्वी दिल्ली के मधु विहार इलाके से बरामद किया गया।