भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के केंद्रीय नेतृत्व ने दिल्ली पार्टी नेताओं से कहा है कि दूसरी पार्टियों के विधायकों को भाजपा में शामिल कराते समय सावधानी बरतें। भाजपा आलाकमान ने कहा कि स्टेट लीडर पता लगाएं है कि भाजपा में आने वाले नेता क्या सचमुच पार्टी की विचारधारा में विश्वास करते हैं या अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव के चलते पाला बदल रहे हैं।
भाजपा के एक वरिष्ठ नेता के मुताबिक स्टेट यूनिट से कहा गया है कि अगर वह पार्टी में शामिल होना चाहते हैं तो AAP विधायकों को टिकट देने का वादा ना करें। भाजपा नेता ने दावा किया, ‘AAP के पांच और विधायक हमारे संपर्क में हैं। मगर केंद्रीय नेतृत्व ने राज्य ईकाई को बहुत सावधानी बरतने को कहा है। लोकसभा चुनाव से पता चला है कि कोई भी आप विधायक वोटों को ट्रांसफर करने की मजबूत स्थिति में नहीं है।’
उन्होंने आगे कहा, ‘हमने टिकट देने की गारंटी नहीं ली है। मगर ऐसा भी नहीं कि इसका मतलब बिल्कुल ना है। ये उनकी लोकप्रियता के आधार पर तय किया जाएगा, और अगर वो पार्टी की विचारधारा पर विश्वास करते हैं।’ भाजपा नेता के मुताबिक, ‘पार्टी बदलने वाले विधायक आमतौर पर टिकट मांगते हैं मगर हमारा अनुभव बहुत अच्छा नहीं रहा जब हमने पूर्व में इस तरह के वादे किए थे।
भाजपा के वरिष्ठ नेता ने आगे कहा कि पार्टी को वेद प्रकाश को टिकट देने के अपने फैसले पर पछतावा है, जो बवाना उपचुनाव के दौरान AAP से बीजेपी में आ गए थे। उन्होंने कहा, ‘हमारे सर्वे से पता चला है कि उपचुनाव में गगन सिंह ने बेहतर प्रदर्शन किया होता, मगर हमें वेद प्रकाश को टिकट देना था क्योंकि उनसे वादा किया गया था।’ गौरतलब है कि पूर्व में भाजपा नेता रहे गुगन सिंह 2017 में आप में शामिल हो गए और नोर्थ वेस्ट दिल्ली चुनाव क्षेत्र से चुनाव लड़ा। जानना चाहिए कि आम आदमी पार्टी (AAP) के दो विधायक, गांधीनगर से अनिल बाजपाई और बिजवासन से विधायक देवेंदर सेहरावत, लोकसभा चुनाव से पहले ही भाजपा में शामिल हो चुके हैं।