दिल्ली सरकार के मंत्रियों ने सोमवार को एक संयुक्त बयान जारी कर कहा कि दिल्ली पुलिस की ओर से मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री और विधायकों के खिलाफ राजनीति से प्रेरित होकर ‘काल्पनिक और निराधार आरोपों’ पर आधारित ‘बोगस आरोपपत्र’ दायर किया गया है। मुख्य सचिव अंशु प्रकाश पर हमले के मामले में पुलिस की ओर से आरोपपत्र दाखिल किए जाने के बाद मंत्रियों ने कहा कि यह भारतीय इतिहास में सबसे बड़े जनादेश के साथ चुनकर आई दिल्ली सरकार को लगातार परेशान किए जाने और उसके खिलाफ की जाने वाली साजिशों का सबसे ताजा उदाहरण है।
दिल्ली के मंत्री गोपाल राय, सत्येंद्र जैन, कैलाश गहलोत, राजेंद्र गौतम और इमरान हुसैन की ओर से जारी संयुक्त बयान में कहा गया है, ‘मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री का नाम एक फर्जी और हास्यास्पद आपराधिक मामले में डालने की साजिश केंद्र सरकार की हताशा का नतीजा है, जिसके ऐतिहासिक जनादेश के साथ सत्ता में आई एक सरकार को हटाने के अब तक सारे प्रयास विफल रहे हैं’। बयान में कहा गया है, ‘दिल्ली सरकार से बदला लेने के लिए केंद्र सरकार किसी भी हद तक जाने को तैयार दिखती है जिससे दिल्ली पुलिस महज राजनीतिक हथियार बनकर रह गई है। दिल्ली पुलिस को अदालत में भारी शर्मिंदगी झेलनी पड़ेगी क्योंकि जब ये फर्जी और मनगढ़ंत मामला न्यायिक जांच-पड़ताल के सामने आएगा तो सारे आरोप हास्यास्पद साबित होंगे’।
संयुक्त बयान में मंत्रियों ने कहा है, ‘मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री को पूरी तरह से फर्जी मामले में फंसाने के लिए दिल्ली पुलिस को आदेश देकर केंद्र सरकार ने इसकी विश्वसनीयता से खिलवाड़ किया है, जिसके पास राजधानी के लोगों की सुरक्षा की अहम जिम्मेदारी है’। आप सरकार के मंत्रियों ने कहा कि एक अवैध अधिसूचना के जरिए दिल्ली सरकार से उसके अधिकार छीनने, एसीबी छीनने, सीबीआइ के छापे डलवाने और अफसरों को धमकाने व परेशान करने का हथियार अपना कर दिल्ली सरकार को ठप करने की हर कोशिश की गई। जब ये सारे हथकंडे नाकाम हो गए तो मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री को बदनाम करने के उद्देश्य से केंद्र सरकार ने कुछ चुनिंदा नौकरशाहों के जरिए फर्जी मामला बनाकर नई साजिश रची है।