पेरिस हमलों के लिए जिम्मेदार दुर्दांत आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट के प्रति कथित तौर पर झुकाव रखने को लेकर देश में करीब 150 युवकों को सुरक्षा एजंसियों ने निगरानी के दायरे में रखा है। खुफिया एजंसियों की रिपोर्ट के मुताबिक, 150 लोगों के आइएस की ओर आकर्षित होने और इस संगठन की गतिविधियों से सहानूभूति रखने की बात कही जा रही है। इनमें से ज्यादातर लोग दक्षिण भारत से हैं।

घटनाक्रम से करीबी तौर पर जुड़े एक अधिकारी ने बताया, ‘उनमें से ज्यादातर लोग आइएस सदस्यों से नियमित रूप से ऑनलाइन संपर्क में हैं। इसलिए, हमने उन सभी को सुरक्षा बलों की निगरानी के तहत रखा है’। आतंकवादी संगठनों से लड़ने के लिए अब तक कुल 23 भारतीय इराक-सीरिया में आइएस के कब्जे वाले इलाकों में गए हैं। उनमें से छह मारे गए जबकि एक मुंबई स्थित अपने घर लौट आया।

आइएस तत्त्वों ने जिन 30 अन्य भारतीयों को कट्टरपंथ का पाठ पढ़ाया है उन्हें भी मध्य पूर्व के संघर्ष वाले क्षेत्रों में जाने से रोक दिया गया है। आइएस से फिलहाल लड़ने वालों में मुंबई के बाहरी इलाके कल्याण से दो युवक, आस्ट्रेलिया में रहने वाला एक कश्मीरी, तेलंगाना से एक लड़का, एक कर्नाटक से, एक ओमान आधारित भारतीय और एक सिंगापुर आधारित भारतीय शामिल है। आइएस की ओर से लड़ने के दौरान मारे गए छह भारतीयों में सुल्तान अजमेर शाह और बादा साजिद सहित इंडियन मुजाहिदीन के तीन आतंकवादी शामिल हैं। पाकिस्तान में रहने के दौरान ये लोग इसमें शामिल हुए थे। दो लोग महाराष्ट्र से हैं जबकि एक तेलंगाना से है।