सुशील राघव
दिल्ली पब्लिक स्कूल (डीपीएस) आरके पुरम में पढ़ने वाले शिवांग चांदना जब भी गरीब या जरूरतमंद लोगों को देखते तो वह उनकी सहायता करने के बारे में सोचते। शिवांग ने इन लोगों की मदद करने के बारे में काफी सोच विचार किया और अंत में एक ऐसा प्लेटफॉर्म तैयार किया जो उनके लिए काफी मददगार साबित हो रहा है। शिवांग ने बताया कि मैंने अपने जीवन में कई गतिविधियों में भाग लिया लेकिन इन सबका फायदा सिर्फ मुझे ही होता था। लेकिन इस बार मैंने एक ऐसा प्लेटफॉर्म तैयार किया है जिसका फायदा बहुत से लोगों को होने वाला है। उन्होंने बताया कि उन्होंने ‘2देम’ नाम का एक प्लेटफॉर्म तैयार किया है, जहां पर लोग आकर चीजों को दान देते हैं और फिर इनको एनजीओ के माध्यम से जरूरतमंद लोगों तक पहुंचाया जाता है।
इस प्लेटफॉर्म के लिए शिवांग ने एक मोबाइल ऐप और वेबसाइट विकसित की है। इस ऐप या वेबसाइट पर जाकर कोई भी व्यक्ति दान देने वाली चीजों के बारे जानकारी और फोटो डाल देता है। ऐप से यह सूचना संबंधित एनजीओ को मिल जाती है। एनजीओ उस व्यक्ति से दान की चीजों को लेकर गरीब लोगों तक पहुंचा देता है। शिवांग ने बताया कि उनके प्लेटफॉर्म पर सिर्फ चीजों का ही दान दिया जा सकता है। यहां धन का चलन नहीं है। बैंकर बनने की चाह रखने वाले शिवांग ने बताया कि वह खुद को इतना काबिल बनाना चाहते हैं कि अपने साथ अन्य लोगों की भी मदद कर पाएं। इसके अलावा सबको जोड़कर आगे ले जा सकें। आपदा के समय बहुत काम आएगा ऐप
शिवांग के इस ऐप पर अभी चार एनजीओ जुड़े हैं। उनका लक्ष्य है कि जल्द से जल्द दिल्ली के ज्यादा एनजीओ इससे जुड़ जाएं। इसके बाद वे दिल्ली से बाहर के एनजीओ को भी इससे जोड़ेंगे। शिवांग के मुताबिक एक बार जब पूरे देश के एनजीओ का यह नेटवर्क बन जाएगा तो किसी भी आपदा की स्थिति में पूरे देश से आसानी से आपदा पीड़ितों तक मदद पहुंचाई जा सकेगी।
परिवार ने की पूरी सहायता
शिवांग ने बताया कि इस काम में मुझे मेरे परिवार का पूरा समर्थन मिला। उनका कहना है कि अभी मैं 12वीं में पढ़ रहा हूं ऐसे में हर माता-पिता चाहते हैं कि उनका बच्चा इस वर्ष सिर्फ पढ़ाई पर ही ध्यान दे लेकिन मेरे परिवार के लोगों ने मुझे इस काम को करने के लिए कभी मना नहीं किया। शिवांग के पिता राजीव चांदना व्यापारी और मां गृिहणी हैं। उनकी छोटी बहन शिवांशी चांदना नौवीं कक्षा में पढ़ रही हैं।