नेताजी सुभाष चंद्र बोस देश के स्वाधीनता संग्राम में शुमार बेहद महत्वपूर्ण नामों में शुमार हैं। कार्यकर्ताओं में जोश भरने का उनका तरीका, उनके नारे और उनकी गतिविधियां आज भी युवाओं को प्रेरित करती हैं। उनकी जिंदगी से जुड़ी कहानियां जितनी रोचक हैं उतनी है रहस्यमयी उनकी मौत है। 23 जनवरी 1897 को ओडिशा (तब उड़ीसा) के कटक में जन्मे नेताजी संपन्न परिवार से ताल्लुक रखते थे और पढ़ने-लिखने में भी काफी तेज थे लेकिन तमाम सुख-सुविधाओं को त्याग कर उन्हें देश की आजादी के लिए कठिन रास्तों को चुना।
नेताजी ने बनाई थी अलग सरकारः ‘आजाद हिंद फौज’ का गठन और ‘तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आजादी दूंगा’ के ओजस्वी नारे को आज भी आजादी की लड़ाई में अहम स्थान पर रखा जाता है। इतना ही नहीं आजाद हिंद फौज के कमांडर होते हुए उन्होंने देश की अस्थायी सरकार भी बनाई थी, इसे जर्मनी, जापान, फिलीपींस, कोरिया, चीन, इटली और आयरलैंड जैसे देशों ने मान्यता भी दे दी थी।
नोट पर छपती थी तस्वीरः नेताजी की आजाद हिंद सरकार का अपना अलग बैंक भी था। 1943 में बने आजाद हिंद बैंक ने 10 रुपए के सिक्के से एक लाख रुपए तक के नोट जारी किए थे। गौरतलब है कि इनमें से 10 हजार रुपए के नोट पर खुद नेताजी सुभाष चंद्र बोस की तस्वीर छपती थी। नेताजी के जीवन के रोचक किस्सों में कई अद्भुत बातें शुमार हैं। दावा किया जाता है कि 18 अगस्त 1945 के दिन ताइवान में हुए एक विमान हादसे में नेताजी का निधन हो गया था। लेकिन एक बड़ा तबका अब भी इस पर यकीन नहीं करता। ऐसे में उनकी मौत को लेकर अब भी विवादास्पद स्थिति बनी हुई है।

