महाराष्ट्र की महिला और बाल कल्याण विकास मंत्री पंकजा मुंडे पर वीरवार को 106 करोड़ रुपए के घोटाले का आरोप लगाया गया। यह आरोप उनके चचेरे भाई और एनसीपी नेता धनंजय मुंडे ने लगाया। धनंजय मुंडे ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि आंगनवाड़ी कर्मियों के लिए 6000-6000 रूपये के मोबाइल खरीदे जाने थे लेकिन वह महंगे खरीदे गए। पैनासोनिक एलुगा-17 मोबाइल फोन का दाम ऑनलाइन 6,000-6,400 रुपये के बीच है जबकि बाजार में इसकी कीमत 6,499 है। वहीं, पकंजा मुंडे ने इसे 8,777 के दर से खरीदा। उन्होंने कहा, ‘‘सरकार ने एक खास वितरक को मदद पहुंचाने के लिए ये हैंडसेट खरीदे ।’’ पंकजा ने आरोपों का खंडन किया है।
इस आरोप को लेकर पंकजा मुंडे की तरफ से बयान जारी किया गया है , जारी बयान में कहा गया है कि आंगनवाड़ी सेविकाओं के लिए स्मार्टफोन की जो कीमत है, उसमें ही साफ्टवेयर, डेटा कार्ड और सभी संबंधित डॉक्यूमेंट्स भी शामिल हैं। फोन की खरीदारी से संबंधित सभी जानकारी सरकार की वेबसाइट पर है। इस फोन में बच्चों के पोषण संबंधी सभी जानकारी अपलोड करने के लिए मोबाइल डिवाइस मैनेजमेंट सॉफ्टवेयर, 32 जीबी डाटा का एसडी कार्ड, डस्ट प्रूफ पाउच, स्क्रीन प्रोटेक्टर मौदूज है। मीडिया को गलत जानकारी दी जा रही है।
30 जिलों के लिए 1.02 लाख मोबाइल:
खबरों के मुताबिक 30 जिले की आंगनबाड़ी कर्मियों के लिए 1.02 लाख मोबाइल फोन दिलाने की योजना के तहत यह किया गया। पंकजा के मुताबिक स्मार्टफोन को सूचना कंप्यूटर प्रौद्योगिकी के लिए खरीदा गया था, जो रियल-टाइम मॉनिटरिंग (आईसीटी-आरटीएम) योजना के लिए सक्षम था। यह फोन आंगनबाड़ी कर्मियों को नेट पैक और सिम कार्ड के साथ दिए गए थे।