सुप्रीम कोर्ट द्वारा अयोध्या भूमि विवाद मामले में फैसला अगले महीने देने की संभावना के बीच राकांपा प्रमुख शरद पवार ने कहा कि ‘कुछ ताकतें’ देश में स्थिति का लाभ उठाते हुए समुदायों के बीच दरार डालने की कोशिश कर सकती हैं। पवार ने यह बयान बुधवार (30 अक्टूबर) को एक बैठक में दिया है। उन्होंने फैसले आने के बाद समाज के सभी वर्गों में शांति कायम रखने की बात भी कही है। बता दें कि पवार ने यह टिप्पणी राकांपा विधायकों की बैठक में की। इन विधायकों ने अजीत पवार को विधायक दल का नेता चुना है।
देश के दो बड़े तबके की आस्था की बातः दशकों पुराने भूमि विवाद का हवाला देते हुए पवार ने कहा कि राम जन्मभूमि देश के बड़े तबके के लोगों के लिए आस्था का विषय है। वहीं, 1992 में बाबरी मस्जिद गिराए जाने को लेकर देश के अल्पसंख्यकों में अलग तरह की भावना है। उन्होंने कहा कि इस फैसले पर देश के दो बड़े तबकों की आस्था टिकी हुई है।
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देसी ताकतें उठा सकती है फायदा- पवारः इस मामले में पवार ने बयान देते हुए कहा, ‘मैं अल्पसंख्यकों में यह भावना देखता हूं कि न्यायपालिका जो भी फैसला देगी, वे स्वीकार करेंगे। समाज में शांति बनी रहे, इसके लिए कदम उठाने की जरूरत है।’ उन्होंने इस बात पर भी जोर देते हुए कहा कि इस मौके का फायदा कुछ ताकतें उठा सकती हैं और समुदायों में दरार डालने की कोशिश कर सकती हैं। हालांकि, राकांपा नेता ने ‘ताकत’ का नाम नहीं लिया।
अगले महीने आ सकता है अयोध्या पर फैसलाः बता दें कि अयोध्या भूमि विवाद मामले में लंबे समय से चल रहे कोर्ट की कार्रवाई खत्म हो चुकी है। मामले में शीर्ष अदालत ने 16 अक्टूबर को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। इस बीच सभी को सावधानी और सतर्कता बरतने का सुझाव दिया जा रहा है।
