मध्य प्रदेश के नक्सल प्रभावित बालाघाट जिले में नक्सलियों ने कथित रूप से अदालत लगाकर एक सरपंच को मनरेगा के मजदूरों का बकाया भुगतान एक पखवाड़े के अंदर करने या सरपंच पद से इस्तीफा देने निर्देश दिया है। छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव जिले और महाराष्ट्र के गोंदिया जिले से सटे मध्य प्रदेश के बालाघाट जिले में सालों बाद नक्सलियों ने अपनी अहम गतिविधि दर्ज कराई है। बालाघाट जिले के एक सूत्र ने अपना नाम नहीं जाहिर करते हुए बताया कि बालाघाट जिले के दक्षिण बैहर इलाके में राशीमेट्टा से करीब तीन किलोमीटर दूर पंदरीपानी के जंगल में लगभग 20 नक्सलियों ने चार अप्रैल की रात को यह गैरकानूनी अदालत लगाई थी।

बालाघाट पुलिस को मिली गुप्त जानकारी के अनुसार नक्सलियों की इस गैरकानूनी अदालत में एक सरपंच और कुछ ग्रामीण शामिल हुए थे। इस अदालत में ग्रामीणों ने विद्रोहियों से पिछले कुछ महीने से मनरेगा के तहत की गई मजदूरी का भुगतान नहीं मिलने की शिकायत की थी। इसके बाद नक्सलियों ने वहां मौजूद सरपंच को मनरेगा के मजदूरों को उनका बकाया भुगतान एक पखवाड़े के अंदर करने या अपने पद से इस्तीफा देने का निर्देश दिया।

बालाघाट के पुलिस अधीक्षक गौरव तिवारी ने नक्सलियों के अदालत लगाने से इनकार करते हुए बुधवार को कहा कि हमें नक्सलियों के एक बैठक करने की सूचना मिली है। उन्होंने कहा कि नक्सलियों ने अपने काम करने का ढंग बदल दिया है। अब वह 10-15 मिनट की बैठक कर उस स्थान से निकल जाते हैं। उन्होंने इन खबरों का खंडन किया कि नक्सलियों ने दक्षिण बैहर इलाके के करीब 15 सरपंचों को अगवा कर चार अप्रैल की रात को एक गैरकानूनी अदालत लगाई थी और इसमें ग्रामीण शामिल हुए थे। लेकिन हमें मिली सूचना के अनुसार नक्सलियों ने दक्षिण बैहर इलाके के नव्ही गांव की सरपंच मुन्नी बाई के पति कुंवर सिंह धुर्वे को मनरेगा मजदूरों का बकाया भुगतान 15 दिन के अंदर करने का निर्देश दिया है। इस मामले को गंभीरता से लेते हुए हम उचित कार्रवाई कर रहे हैं।

सरपंच के पति धुर्वे के साथ पथरी हाट जा रहे व्यक्ति ने बताया कि दो नक्सलियों ने हमें अगवा करने के बाद चार अप्रैल को सरपंच को मनरेगा मजदूरों का भुगतान 15 दिन के अंदर करने का निर्देश दिया। नक्सलियों ने धुर्वे से कहा कि उसकी सरपंच पत्नी ऐसा करने में विफल रहती है तो उसे नव्ही गांव के सरपंच पद से इस्तीफा देना होगा।

बालाघाट कलक्टर भरत यादव ने कहा कि धन की कमी के कारण मध्य प्रदेश के अन्य जिलों सहित दूसरे राज्यों में भी मनरेगा के तहत मजदूरों का भुगतान कई महीनों से नहीं हुआ है। हम इस दिशा में प्रयास कर रहे हैं। जल्द ही मजदूरों का बकाया भुगतान किया जाएगा। उन्होंने कहा कि एक सरपंच ने उन्हें बताया कि नक्सलियों ने सरपंच को मनरेगा का भुगतान 15 दिन में कराने का निर्देश दिया है।