महाराष्ट्र में अब हिंदुत्व की लड़ाई ने जोर पकड़ लिया है। नवनीत राणा और उद्धव ठाकरे लगातार एक दूसरे पर हमला बोल रहे हैं। इस बीच नवनीत ने कहा कि पावर जाने के बाद अगर उद्धव ठाकरे की पत्नी रश्मि ठाकरे को जेल जाना पड़ा तब मैं उद्धव से कई सवाल पूछूंगी।

नवनीत राणा ने कहा, “जिस दिन उद्धव ठाकरे मुख्यमंत्री नहीं रहेंगे, पावर चली जाएगी, तब अगर रश्मि ठाकरे को जेल में डाला तब मैं सवाल पूछूंगी। उस दिन मैं पूछूंगी कि अब कैसा लगता है? दर्द कैसा होता है ? लॉक-अप कैसा लगता है और जेल में जिसने क्राइम न किया हो उसे डाला जाए तो उसकी पीड़ा क्या होती है।” उन्होंने कहा कि वो वक़्त भी जरूर आएगा जब आप पावर से हटेंगे और आपके घर की महिला जेल जाएगी, तब मैं ये सारे सवाल पूछूंगी।

उद्धव ठाकरे स्वार्थ के लिए मुख्यमंत्री: नवनीत राणा ने प्रेस कांफ्रेंस में उद्धव सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि उद्धव ठाकरे स्वार्थ के लिए मुख्यमंत्री बने हैं। नवनीत राणा ने उन पर शिवसेना के संस्थापक बालासाहेब ठाकरे के दिखाए रास्ते से भटकने और 10 जनपथ में रहने वाली ‘मातोश्री’ के निर्देश पर काम करने का आरोप लगाया। नवनीत राणा ने कहा कि शिवसेना ने घोषणा की थी कि वह औरंगाबाद का नाम बदलकर संभाजी नगर कर देगी, लेकिन अब मुख्यमंत्री कहते हैं कि इसकी जरूरत नहीं।

शिवसेना बन गयी औरंगजेब सेना: नवनीत ने कहा कि उद्धव ठाकरे इस बात से डर गए थे कि अगर उन्होंने औरंगाबाद का नाम बदलने के अपने वादे को पूरा किया, तो शिवसेना के सहयोगी गठबंधन समर्थन वापस ले लेंगे और सरकार गिर जाएगी। नवनीत राणा ने उद्धव ठाकरे पर सत्ता का दुरुपयोग करने का भी आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि ठाकरे हनुमान चालीसा का पाठ करने वालों पर राजद्रोह के मुकदमे लगाते हैं और मुगल शासक औरंगजेब की कब्र पर फूल चढ़ाने वाले लोगों को आसानी से छोड़ देते हैं।

एआईएमआईएम नेता अकबरुद्दीन ओवैसी के दौरे का जिक्र करते हुए नवनीत राणा ने कहा, “अगर बालासाहेब ठाकरे आसपास होते तो ऐसे लोगों को औरंगजेब की कब्र में ही दफनाया जाता। दूसरे राज्य के किसी व्यक्ति की यहां आने और औरंगजेब की कब्र पर फूल चढ़ाने की हिम्मत कैसे हुई।” उन्होंने कहा, “उद्धव ठाकरे हिंदुत्ववादी होने का दावा करते हैं। क्या वह औरंगजेब के रास्ते पर चल पड़े हैं? क्या शिवसेना औरंगजेब सेना बन गई है?”