नेशनल डेमोक्रेटिक फ्रंट (एनडीएफ) ने केंद्र सरकार की कई योजनाओं का जिक्र करते हुए आरोप लगाया कि इनका जनता पर नकारात्मक असर पड़ रहा है। एनडीएफ चीफ मुन्ना यादव ने केंद्र सरकार की जीएसटी और प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगाए जाने की नीति को जन विरोधी बताया है। प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में यादव ने केंद्र सरकार से अपनी नीतियों की समीक्षा करने का अनुरोध किया। साथ ही यह भी कहा कि जनता के व्यापक हित को देखकर ही सरकारी नीतियां बनाईं जानी चाहिए।
‘आनन-फानन में लागू हुआ जीएसटी’: प्रधानमंत्री को लिखे अपने पत्र में यादव ने आगे कहा, ‘केंद्र सरकार ने आनन-फानन में जीएसटी लगा दिया। उसने यह भी नहीं सोचा कि देश के करोड़ों व्यापारियों के कामकाज पर इसका क्या असर होगा? उन्होंने कहा कि अचानक से जीएसटी थोपने के कारण कई व्यापारियों के प्रतिष्ठान में मजदूरों की छंटनी हो गई। लाखों लोग बेरोजगार हुए हैं, इसके लिए प्रधानमंत्री को फिर से विचार करना चाहिए।’
‘प्लास्टिक बैन से बेरोजगार हुए कई लोग’: इसके साथ ही केंद्रीय पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर को लिखे एक अन्य पत्र में उन्होंने कहा कि एक ओर सरकार पर्यावरण संरक्षण के नाम पर प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगा रही है लेकिन इससे प्लास्टिक उद्योग में काम कर रहे तमाम लोगों के रोजगार पर असर पड़ेगा। वहीं, दूसरी ओर सरकार स्मार्ट सिटी के नाम पर पेड़ों की अंधाधुंध कटाई कर रही है। विकास के नाम पर पूरी पारिस्थितिकी को तहस-नहस किया जा रहा है। इस ओर भी सरकार को ध्यान देना होगा। उन्होंने कहा कि यदि सरकार वाकई उचित काम करना चाहती है, तो उसे समग्रता में सोचना चाहिए।’