पिछले महीने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा तमिलनाडु में बाढ़ के हालात का हवाई सर्वेक्षण करने से जुड़ी एक तस्वीर में दूसरी तस्वीर को मिला देने की वजह से हुई आलोचनाओं और शर्मिंदगी के बाद सरकार ने सबक ले लिया है। काफी मंथन के बाद इस तरह की गलतियों से बचने के लिए सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) तय की है। दिलचस्प बात यह है कि पत्र सूचना कार्यालय (पीआइबी) तकरीबन एक दशक से पूर्व प्रधानमंत्रियों की मिश्रित फोटो जारी करने का काम करता आया है जिसमें एक से ज्यादा चित्रों को मिलाया जाता है। पर मोदी की असंगत तस्वीर सोशल मीडिया में आने के बाद पहली बार इस ‘छेड़छाड़’ पर निशाना साधा गया और पीआइबी को फटकार पड़ी। हालांकि सवाल उठना लाजिमी है कि शीर्ष नेताओं की तस्वीर जारी करने के लिए इसमें जोड़-मिलान की जरूरत क्यों पड़ी। अब नए निर्देश तय होने के बाद प्रधानमंत्री के कार्यक्रमों-दौरों की कोई तस्वीर पीएमओ की मंजूरी के बाद ही सोशल मीडिया को जारी हो सकेगी।
बहरहाल मंत्रालय द्वारा कई संबंधित महकमों से प्रतिक्रिया मिलने के बाद वीवीआइपी यात्राआें से जुड़ी दो तस्वीरों को मिलाने पर पाबंदी लगाने वाला एसओपी जारी कर दिया गया है। असल में सूचना और प्रसारण मंत्रालय के मातहत आने वाले पत्र सूचना कार्यालय (पीआइबी) ने प्रधानमंत्री के सर्वेक्षण से जुड़ी दो तस्वीरों को ‘मिला दिया’ था और इसे ट्विटर पर डाल दिया था। हालांकि बाद में पीआइबी ने स्पष्टीकरण में कहा था, यह निर्णय की चूक की वजह से हुआ और तस्वीर को बाद में हटा लिया गया। पीआइबी को इस चित्र के जारी होने का अफसोस है और असुविधा के लिए खेद है। पीआइबी ने यह भी कहा था, ‘जारी की गई सात तस्वीरों में से एक तस्वीर में दो को जोड़ने की तकनीक का इस्तेमाल किया गया। इसे मीडिया के एक वर्ग में ‘फोटो शॉपिंग’ कहा जा रहा है। समझा जाता है कि एसओपी में अन्य कदम भी उठाए गए हैं जिनमें प्रधानमंत्री के कार्यक्रमों के कवरेज की सॉफ्ट कॉपी जारी करने पर पाबंदी भी शामिल है।
इससे पहले सूचना-प्रसारण मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया था एसओपी का मशविदा विभिन्न संबद्ध विभागों को भेजकर जानकारी ली गई थी। प्रपत्र में कहा गया कि प्रधानमंत्री, अतिविशिष्ट लोगों, मंत्रियों के कवरेज के दौरान दो फोटो को न मिलाया जाए, न संयुक्त किया जाए।
सूत्रों के अनुसार, सूचना प्रसारण मंत्रालय यह भी सुनिश्चित करना चाहता है कि प्रधानमंत्री के दफ्तर की मंजूरी के बिना उनके कार्यक्रम से जुड़ी कोई तस्वीर ना जारी की जाए। प्रधानमंत्री के कार्यक्रमों से जुड़ी तस्वीरें पीएमओ की मंजूरी मिलने के बाद जन संपर्क निदेशक, पीआइबी की ओर से जारी की जाएगी।
एक सरकारी अधिकारी ने बताया कि आमतौर पर किसी भी इश्तहार के लिए प्रधानमंत्री की फोटो पीएमओ की मंजूरी के बाद ही जारी की जाती है। लेकिन अक्सर सोशल मीडिया पर प्रधानमंत्री की फोटो जारी करने की हड़बड़ी और दबाव से ऐसा हो जाता है कि इस तरह की फोटो पीएमओ की नजर से नहीं गुजर पातीं। हम इसे सुधारने की कोशिश कर रहे हैं।