प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बाघों के संरक्षण का मजबूती से समर्थन किया है। उन्होंने बाघों के अंगों की तस्करी को रोकने के लिए सरकारों के बीच सहयोग की जरूरत जताई है। प्रधानमंत्री मंगलवार को बाघों के संरक्षण पर आयोजित तीसरे एशियाई मंत्रिस्तरीय सम्मेलन का उद्घाटन करने के बाद बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि वन्यजीवों के बिना वन की कल्पना नहीं की जा सकती। दोनों एक दूसरे के पूरक हैं। एक के विनाश से दूसरे का विनाश होगा। यह जलवायु परिवर्तन का एक महत्वपूर्ण कारण है। जिसका अब कई तरीकों से हमपर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। यह एक वैश्विक संवृत्ति है। इससे हम सब जूझ रहे हैं।
तीन दिन तक चलने वाले इस सम्मेलन में अवैध शिकार विरोधी रणनीतियों सहित कई महत्त्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की जाएगी। मोदी ने बाघों की आबादी वाले देशों में बाघों के आवास क्षेत्र के तेजी से घटने का उल्लेख करते हुए कहा कि इस शानदार जानवर के अंगों और खाल की तस्करी ने स्थिति की गंभीरता और बढ़ा दी है।
उन्होंने कहा कि बाघों के लिए एक बड़ा खतरा उनके अंगों की मांग है। प्रधानमंत्री ने कहा कि वन और उसके वन्य निवासी एक खुला खजाना है। इस पर ताला नहीं लगाया जा सकता। बाघों और इस तरह के दूसरे जानवरों के अंगों की तस्करी के बारे में जानना बहुत दुखदायक है। हमें इस गंभीर मुद्दे से निपटने के लिए सरकारों के सर्वोच्च स्तरों पर सहयोग करने की जरूरत है।
