नागपुर यूनिवर्सिटी में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। दरअसल यहां तीन लोगों की एक टीम ने दो दिनों के अंदर डेढ़ लाख रुपए की चाय और नाश्ता कर डाला। जब यह बिल मंजूरी के लिए वाइस चांसलर के पास भेजा गया तो उन्होंने इस बिल को मंजूरी देने से इंकार कर दिया और इसकी जांच कराने का आदेश दिया है। टाइम्स ऑफ इंडिया की एक खबर के अनुसार, नागपुर यूनिवर्सिटी में बोर्ड ऑफ स्टडीज की बैठक हुई थी। यह बैठक यूनिवर्सिटी सिलेबस को अपडेट करने के उद्देश्य से हुई थी। इस बोर्ड ऑफ स्टडीज में तीन सदस्य हैं। बोर्ड की यह बैठक दो दिनों तक चली।

बैठक के दौरान जब चाय नाश्ते का भारी-भरकम बिल बना, जिसे वाइस चांसलर के पास मंजूरी के लिए भेजा गया। इसके बाद इसका खुलासा हुआ। वाइस चांसलर के पास जो बिल मंजूरी के लिए भेजा गया है, उसके मुताबिक बोर्ड के सदस्यों ने दो दिनों के अंदर 99 कप चाय, 25 कप कॉफी और नाश्ता किया। अब यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर एसपी काने ने इसे मंजूरी देने से इंकार कर दिया है और वित्त विभाग से इसकी जांच करने का आदेश दिया है। वाइस चांसलर ने बताया कि ‘हमने बोर्ड के सदस्यों से इस पर स्पष्टीकरण मांगा है।’

चाय नाश्ते पर लाखों रुपए खर्च करने का यह कोई पहला मामला नहीं है, इससे पहले भी विभिन्न सरकारी विभागों में चाय नाश्ते पर भारी खर्च के बिल बन चुके हैं। दैनिक जागरण की एक खबर के अनुसार, साल 2015 में दिल्ली के मुख्यमंत्री और उनके मंत्रियों ने भी डेढ़ साल के वक्त में करीब सवा करोड़ रुपए चाय नाश्ते पर खर्च कर दिए थे। चाय नाश्ते के अलावा इनके बिजली पानी का खर्च भी 18 लाख रुपए के करीब रहा था। इस बात की जानकारी दिल्ली सरकार की प्रशासनिक शाखा ने एक आरटीआई के जवाब में दी थी।