मुजफ्फरनगर थप्पड़ कांड को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार ने बड़ा बयान दिया है। यूपी सरकार ने शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट को बताया कि उसने उन छात्रों के लिए काउंसलिंग वर्कशॉप शुरू की हैं, जिन्हें कथित तौर पर मुजफ्फरनगर के एक स्कूल में उनके शिक्षक ने अपने क्लासमेट को थप्पड़ मारने के लिए प्रोत्साहित किया था। अतिरिक्त महाधिवक्ता गरिमा प्रसाद ने जस्टिस ए एस ओका की अध्यक्षता वाली दो जजों की पीठ को बताया कि वर्कशॉप विशेषज्ञों द्वारा आयोजित की जा रही हैं और यह 24 अप्रैल तक जारी रहेंगी।
कोर्ट ने यूपी सरकार से स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने को कहा
इसपर पीठ ने प्रदेश सरकार से कहा कि जब वह इस मामले पर अगली सुनवाई करे तो अपने निर्देशों के कार्यान्वयन पर एक स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करे। अदालत एक्टिविस्ट तुषार गांधी की याचिका पर सुनवाई कर रही थी। याचिका में अगस्त 2023 की घटना की जांच की मांग की गई थी, जिसमें छात्रों को कथित तौर पर उनके शिक्षक ने होमवर्क पूरा नहीं करने पर 7 वर्षीय लड़के को थप्पड़ मारने के लिए कहा था।
शिक्षिका ने कथित तौर पर लड़के की आस्था का हवाला दिया और ‘मोहम्मद के बच्चों’ का जिक्र कर अपमानजनक बातें कीं थी और अन्य छात्रों से उसे जोर से थप्पड़ मारने के लिए कहा था।
घटना का वीडियो हुआ था वायरल
घटना का एक वीडियो वायरल होने के बाद तुषार गांधी ने पिछले साल सितंबर में सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। इसके बाद यूपी पुलिस ने शिक्षक पर IPC के तहत मामला दर्ज किया था। साथ ही जिला अधिकारियों ने खुब्बापुर गांव स्थित निजी स्कूल को भी सील कर दिया था।
इसके बाद अदालत ने इसमें शामिल बच्चों को काउंसलिंग प्रदान करने और एक्सपर्ट चाइल्ड काउंसलर्स की सहायता प्रदान करने के लिए टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज (TISS) को नियुक्त किया। दिसंबर 2023 में SC ने राज्य सरकार से यह बताने को कहा कि उसने TISS की सिफारिशों को कैसे लागू करने का प्रस्ताव रखा है। सुनवाई की पिछली तारीख पर कोर्ट ने घटना में शामिल बच्चों को काउंसलिंग देने में देरी करने पर नाराजगी व्यक्त की थी।