कोटा के एक शख्स ने अपनी कर (टैक्सेबल) आय में से 110 करोड़ रुपए पुलवामा हमले में शहीद हुए जवानों के परिजनों को दान करने की इच्छा व्यक्त की है। बता दें कि जिस शख्स ने ये इच्छा जताई है वो जन्म से ही नेत्रहीन हैं। फिलहाल वो मुंबई में रहते हैं और पीएम नरेन्द्र मोदी से मिलने की इच्छा रखते हैं।

कौन है ये शख्स: बता दें कि कोटा निवासी इस शख्स का नाम मुर्तजा ए हामिद हैं। इनकी उम्र 44 साल हैं फिलहाल मुंबई में बतौर रिसर्चर और साइंटिस्ट के रूप में कार्यरत हैं। हामिद ने शहीद हुए जवानों के परिजनों को 110 करोड़ रुपए दान करने की इच्छा जताई है। हामिद ने इसके लिए प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) को एक ई-मेल भी भेजा है, जिसमं उन्होंने लिखा है कि वह दान देने के लिए पीएम मोदी से मिलना चाहते हैं।

मदद का जज्बा हर नागरिक के खून में होना चाहिए: हामिद ने टाइम्स ऑफ इंडिया से बातचीत के दौरान कहा कि हमारी मातृभूमि के लिए अपनी जिदंगी कुर्बान करने वालों की मदद का जज्बा देश के हर नागरिक के खून में होना चाहिए। इसके साथ ही उन्हें इस बात का भी दुख है कि यदि उनकी खोज को वक्त पर सरकार से मान्यता मिल जाती तो पुलवामा जैसे हमले की जांच की जा सकती थी।

क्या है हामिद की खोज: हामिद ने दावा किया है कि उन्होंने फ्यूल बर्न रेडिएशन टेक्नॉलजी का अविष्कार किया है जिसकी मदद से किसी किसी भी सामान को बिना कैमरे या जीपीएस की मदद से खोजा सकता है। हामिद ने ये भी दावा किया है कि उन्होंने इस प्रस्ताव को 2016 में बिना किसी कीमत के सरकार और नेशनल हाइवे अथॉरिटी के सुपुर्द करने का प्रस्ताव दिया था लेकिन इसकी मंजूरी 2018 में मिली थी। वहीं अगले कदम का उन्हें अब भी इंतजार है।

कैसे हुआ अविष्कार: साइंस के लिए खास रुझान और पर हामिद कहते हैं कि जयपुर स्थित एक पेट्रोल पंप पर 2010 में आग लग गई थी। इस घटना ने उन्हें झकझोर कर रख दिया था। वो जानना चाहते थे कि फोन पर बात करने से ईंधन कैसा आग पकड़ सकता है। ऐसे में कापी छानबीन और पढ़ने के बाद ही वो फ्यूल बर्न रेडिएशन टेक्नॉलिजी का अविष्कार कर पाए।

 

जन्म से ही नेत्रहीन हैं हामिद: बता दें कि हामिद जन्म से ही नेत्रहीन हैं। हामिद ने कोटा के गवर्नमेंट कॉलेज से कॉमर्स में ग्रेजुएशन किया है। फिलहाल वो मुंबई में बतौर रिसर्चर और साइंटिस्ट के रूप में कार्यरत हैं।