निर्भय कुमार पांडेय
दिल्ली नगर निगम चुनाव को लेकर चुनावी सरगर्मी तेज हो गई हैं। सभी राजनीतिक दल तैयारी में जुटे हैं। तीन प्रमुख पार्टियों के अलावा इस बार फिर वाम दल निगम चुनाव में सुखद नतीजों की आस लेकर उतरेगी। पार्टी के नेता इसको लेकर बैठक कर रहे हैं। जल्द ही वरिष्ठ नेता उम्मीदवारों के नामों पर चर्चा के लिए बैठक में शामिल होंगे। इस बार सीपीआइ, सीपीआइ(एम), आरएसपी, फार्वर्ड ब्लाक, सीजीपीआइ मिलकर निगम चुनाव लड़ेंगे। दिल्ली में आगामी अप्रैल महीने में निगम के चुनाव होने की संभावना है।
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी), दिल्ली के सचिव केएम तिवारी ने सोमवार को बताया कि इस बार दिल्ली के तीनों नगर निगम में वाम दल 20-25 वार्ड में चुनाव लड़ने पर विचार कर रहा है। उम्मीद है कि इसी सप्ताह वाम दलों के वरिष्ठ नेताओं के बीच बैठक होगी, जिसमें चुनाव लड़ने की रणनीति पर फैसला लिया जाएगा।
इससे पहले हुए चुनाव परिणाम पर नजर डालें तो साल 2007 में हुए चुनाव में सीपीआइ ने 14 वार्डों में चुनाव लड़ा था, लेकिन एक भी सीट पर जीत दर्ज नहीं कर सकी। इसी प्रकार साल 2012 में हुए चुनावों में भी दिल्लीवासियों ने वाम दल को नाकार दिया था। उस वक्त 17 सीटों पर सीपीआइ ने चुनाव लड़ा था।
वहीं 2017 में हुए नगर निगम के चुनाव में भी सीपीआइ ने 14 सीटों पर किस्मत अजमाई थी। पर किसी भी वार्ड में उम्मीदवार नहीं जीत पाए। सीपीआइ के दिल्ली प्रदेश, कार्यालय सचिव बबन कुमार सिंह ने बताया कि पार्टी पिछले दो दशक से निगम में चुनाव नहीं जीत पाई है। दिल्ली के विधानसभा चुनावों में भी वाम दल का प्रदर्शन ठीक नहीं रहा था। हालांकि, इस बार निगम चुनावों में पार्टी को बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद है।