बिहार के मुंगेर विश्वविद्यालय के परीक्षा विभाग की बड़ी लापरवाही सामने आई है। यूनिवर्सिटी ने एक विद्यार्थी को ग्रेजुएशन के तीनों पार्ट को मिलाकर 800 में से 868 मार्क्स दिए गए हैं। साथ ही, स्टूडेंट को पार्ट-3 के ऑनर्स के पेपर-5 में कुल 100 अंक के बदले 555 अंक दिया गया है।

मुंगेर यूनिवर्सिटी की ओर से शनिवार (30 अप्रैल 2022) को 2018-21 सेशन का ग्रेजुएशन का रिजल्ट जारी किया गया। इस रिजल्ट में केकेएम कॉलेज, जमुई के इतिहास ऑनर्स के छात्र दिलीप कुमार साह (रोल नंबर 118040073) को पार्ट-3 के पेपर-5 में 100 में से 555 मार्क्स दिए गए। जिसके कारण उसका कुल प्राप्तांक 1,130 हो गया। इसके कारण इसका मार्क्स पर्सेंटेज भी 108.5 प्रतिशत हो गया। इस रिजल्ट की कॉपी को विश्वविद्यालय की ऑफिशियल वेबसाइट पर भी अपलोड कर दिया गया है।

कई लोग करते हैं चेक: हैरानी की बात तो ये है कि जब यूनिवर्सिटी की ओर से रिजल्ट जारी करने से पहले इसे कई लोग चेक करते हैं तो ऐसी गलत कैसे हो गई? इसे चेकर, रिजल्ट बनाने वाले के अलावा परीक्षा नियंत्रक तक से मंजूरी मिलती है। फिर भी इस तरह की गलती सामने आने से सवाल उठ रहे कि आखिर मुंगेर यूनिवर्सिटी का परीक्षा विभाग अपनी जिम्मेदारी को लेकर कितना गंभीर है?

परीक्षा नियंत्रक ने मानी गलती: इस मामले में परीक्षा नियंत्रक डॉ. रामाशीष पूर्वे ने बताया कि गलती हुई है इसे जल्द ठीक कर लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि यह प्रिंटिंग मिस्टेक है। 55 की जगह 555 हो गया है। उन्होंने कहा कि इस तरह की गलती नहीं होनी चाहिए। यह मशीनी भूल के साथ-साथ मानवीय भूल का एक उदाहरण है। साथ ही उन्होंने कहा कि अगर किसी भी छात्र को किसी तरह की गलती अपने रिजल्ट में नजर आती है, तो वह इस संबंध में अपने प्राचार्य को आवेदन करें। प्रिंसिपल उसे परीक्षा विभाग तक आगे बढ़ा देंगे और उनके रिजल्ट में सुधार कर दिया जाएगा।

वहीं प्रो वाइस चांसलर ने कहा कि अंतिम वर्ष में इस तरह की गलती होना चिंताजनक है, इस मामले में परीक्षा नियंत्रक से जवाब मांगा जाएगा। दरअसल, कई तकनीकी कारणों और सही से रिजल्ट प्रकाशन को लेकर ही परीक्षा विभाग दो बार रिजल्ट निकालने के तय समय पर इसे प्रकाशित नहीं कर पाया था।