बिहार के दरभंगा में युनिवर्सिटी कैंपस में इफ्तार पार्टी को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। यहां ललित नारायण मिथिला युनिवर्सिटी कैंपस में नमाज के साथ इफ्तार पार्टी रखी गई थी। इस बात की जानकारी जैसे ही अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं को हुई उन्होंने विरोध-प्रदर्शन शुरू कर दिया।
दरभंगा में यूनिवर्सिटी कैंपस में नमाज के साथ इफ्तार पार्टी का मामला जमकर तूल पकड़ने लगा है। शनिवार (30 अप्रैल 2022) को युनिवर्सिटी कैंपस में एबीवीपी कार्यकर्ताओं ने कुलपति और कुलसचिव के खिलाफ प्रदर्शन किया। संगठन के छात्रों ने कुलपति दफ्तर के पास सद्बुद्धि महायज्ञ का आयोजन कर हवन किया और कुलपति और कुलसचिव की सद्बुद्धि के लिए प्रार्थना की।
कुलपति दफ्तर के पास सद्बुद्धि महायज्ञ: कुलपति और कुलसचिव के विरोध में किए गए इस महायज्ञ में छात्रों ने मंत्रोच्चारण के साथ पहले हवन कुंड में आहूति दी, इसके बाद कुलपति और कुलसचिव के खिलाफ जमकर नारेबाजी की गयी । इसके साथ ही युनिवर्सिटी कैंपस में जय श्री राम और हर हर महादेव के नारे लगाए गए। छात्रों का कहना है कि युनिवर्सिटी का इस्लामीकरण किया जा रहा है और इसी बात का विरोध किया जा रहा है। छात्रों का कहना है कि शिक्षा के स्थल पर धार्मिक आयोजन क्यों किए जा रहे?
ABVP ने बताया सोची समझी साजिश: विरोध-प्रदर्शन में बीजेपी के अलावा बजरंग दल के कार्यकर्ता भी पहुंचे और ABVP को समर्थन दिया। इस संगठनों ने धमकी देते हुए कहा कि अगर विश्वविद्यालय परिसर में नमाज और इफ्तार होगा तो सरस्वती पूजा, दुर्गा पूजा भी मनाई जाएगी और डांडिया भी होगा। कैंपस में हंगामा होते देखकर विश्वविद्यालय प्रशासन अलर्ट हो गया। ABVP के कार्यकर्ता हरिओम झा ने कहा कि कैंपस में नमाज और इफ्तार पार्टी रखना एक सोची समझी साजिश है। उन्होंने कहा कि आज तक कभी युनिवर्सिटी कैंपस में ऐसा कोई आयोजन नहीं हुआ, यहां तक कि सरस्वती पूजा भी नहीं होती है तो अब ये नमाज और इफ्तार क्यों?
इफ्तार को लेकर विश्वविद्यालयों में बवाल: इफ्तार आयोजन को लेकर देश के कई विश्वविद्यालयों में राजनीति देखने को मिली। हाल ही में बनारस हिंदू विश्वविद्यालय में भी इफ्तार को लेकर बवाल हो गया था, जहां छात्रों ने इसे विश्वविद्यालय प्रशासन की नई परंपरा बताकर इसका विरोध किया था। महिला महाविद्यालय में हुए इस इफ्तार में बीएचयू के वीसी और शिक्षक भी शामिल हुए थे, जिस पर नाराजगी जताते हुए छात्रों ने वीसी का पुतला फूंका था।