गुजरात में साल 2002 में हुए दंगों से कई लोगों की जिंदगी काफी प्रभावित हुई थी। कई लोग ऐसे थे, जिन्होंने इन दंगों में अपनी आजीविका का सहारा खो दिया था, उन्हीं लोगों में से एक हैं मुनव्वर हुसैन। अहमदाबाद के रहने वाले मुनव्वर दंगों से पहले तक आटो चलाकर अपना जीवन यापन किया करते थे। दंगों के दौरान उनका आटो जला दिया गया, उसके बाद उनके पास पैसे कमाने का कोई जरिया नहीं बचा था, लेकिन परिवार को भी पालना था। इसलिए उन्होंने पैंटिंग करना शुरू कर दिया।
मुनव्वर ने स्टिपलिंग तकनीक से पैंटिंग करनी शुरू की, उस वक्त उनका उद्देश्य केवल परिवार के लिए पैसे कमाना था। देखते ही देखते हुसैन ने कई पैंटिंग बना डाली। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पैंटिंग भी बनाई है। समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक मुनव्वर अभी तक पीएम मोदी की करीब 25 पैंटिंग बना चुके हैं। वह प्रधानमंत्री और उनके काम के बड़े प्रशंसक भी हैं। इसके साथ ही वह पीएम मोदी को प्रेरणा स्वरूप मानते हैं। उनका कहना है कि जिस तरह से पीएम मोदी देश के लिए काम करते हैं, उससे प्रेरित होकर वह पीएम की पैंटिंग बनाते हैं। पीएम मोदी के अलावा मुनव्वर ने देश के कई पर्यटन स्थलों की, मंदिरों की, स्मारकों की पैंटिंग्स भी बनाई है।
Ahmedabad resident Munavver Hussain started painting with stippling technique to earn livelihood, after the auto he used to drive was burnt down in 2002 Gujarat riots. Hussain also made 25 paintings on PM Modi, says, 'his work for nation gives me inspiration to do his paintings' pic.twitter.com/ppmS1JX4NS
— ANI (@ANI) May 2, 2018
बता दें कि साल 2002 में गुजरात में हुई सांप्रदायिक हिंसा बेहद ही दिल दहला देने वाली थी। राज्य के कई हिस्सों में करीब 3 दिनों तक सांप्रदायिक दंगे हुए थे। रिपोर्ट्स के मुताबिक इन दंगों में करीब 790 मुस्लिमों और 254 हिंदुओ की मौत हुई थी। वहीं 2500 लोग बुरी तरह घायल हुए थे। इसके अलावा 223 लोग लापता हो गए थे। दंगों के दौरान सैंकड़ों वाहनों को आग के हवाले कर दिया गया था। हाल ही में गुजरात हाईकोर्ट ने इन दंगों के बहुचर्चित नरोदा पाटिया दंगा मामले में फैसला सुनाते हुए आरोपी बाबू बजरंगी को दोषी करार दिया और उन्हें आजीवन कारावास की सजा सुनाई। वहीं कोर्ट ने दस में से तीन आरोपियों को बरी कर दिया। बरी होने वाले आरोपियों में पूर्व मंत्री माया कोडनानी का नाम भी शामिल है। इसके अलावा सुरेश लंगाडो, किशन कोरणी को दोषी करार दिया गया।