महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई में 10 नवंबर को नारायण सेवा संस्थान नाम के एक सामाजिक संगठन की तरफ से ‘दिव्यांग टैलेंट शो’ नाम के एक कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। इसमें मुंबई की रहने वाली 29 वर्षीय कलाकार ज्योति मस्तेकर भी शिरकत करेंगी। 14वें दिव्यांग टैलेंट शो के दौरान देशभर के कई युवाओं के लिए प्रेरणा बनीं ज्योति ब्लॉकबस्टर डांस परफॉर्म करने वाली हैं।

उम्र के साथ निखरती गई प्रतिभाः मुंबई की तंग गलियों में पली-बढ़ी ज्योति मस्तेकर चव्हाण का एक हाथ दूसरे से हाथ छोटा है। इस शारीरिक कमी के बावजूद डांस और जिंदगी को लेकर ज्योति का उत्साह लाजवाब है। जब से ज्योति स्कूल जाने लगी तभी से उन्होंने डांस सीखना और कार्यक्रमों में भाग लेना शुरू कर दिया था। जैसे-जैसे ज्योति उम्र की दहलीज लांघती गईं, वैसे-वैसे उनकी प्रतिभा और निखरती गई।

पिता के निधन से लगा झटकाः करीब सात महीने पहले ज्योति के पिता ने दुनिया को अलविदा कह दिया। यह उनके लिए सबसे बड़ा धक्का था। दरअसल ज्योति के पिता ही डांस के लिए उनके सबसे बड़े प्रेरणास्रोत थे। हर वक्त वे ज्योति का उत्साह बनाए रखने की पूरी कोशिश करते थे। पिता के निधन से घर पूरी तरह बिखर चुका था। घर की जरूरतों को पूरा करने के लिए उनकी मां को लोगों के घरों में काम करना पड़ता था। घर में शुरू से लेकर आज तक ज्योति ने आर्थिक-तंगी से भरा माहौल देखा है। मगर आज वह एक पत्नी हैं और 4 साल के बेटे की मां हैं, जो अपने परिवार के जीवन को सुखद बनाने और संवारने के लिए अपने लक्ष्यों को मेहनत के साथ प्राप्त करने के लिए दृढ़ है।

लावणी, फ्री स्टाइल समेत कई डांस फॉर्म्स में माहिरः डांस जैसी कला के प्रति लोगों की रूढ़िवादी मानसिकता के कारण शादी होने के बाद ज्योति को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ा। लेकिन विकट परिस्थितियों में भी ज्योति ने कभी खुद को झुकने नहीं दिया। वह कला क्षेत्र में नए आयाम छूने के लिए अग्रसर होते हुए विभिन्न डांस ग्रुप्स के साथ जुड़ती चली गईं, जिनमें विशेष तौर से अलग-अलग दिव्यांग डांस ग्रुप्स के साथ प्रदर्शन किए और लावणी जैसे मराठी लोक नृत्य के अलावा वह बॉलीवुड, फ्रीस्टाइल और अन्य डांस फॉर्म्स का भी प्रदर्शन करती हैं।

ज्योति ने डांस के लिए कई पूर्वाग्रहों, पक्षपात और भेदभावों का सामना किया, लेकिन हार न मानते हुए अपने इरादों को चट्टान का रूप देकर कठिनाइयों से भरे तूफानों का सामना किया। नारायण सेवा संस्थान के प्रेसीडेंट प्रशांत अग्रवाल ने कहा कि पहली बार जब ज्योति से मिले तो उनकी बेबाकी और कुछ कर दिखाने के जज्बे को देखकर में चौंक गए थे। उन्हें कहीं से भी नहीं लगा कि ज्योति कमजोर है या मजबूर है। उन्होंने बताया कि दिव्यांग टैलेंट शो के जरिये उनका मकसद कई सारी जिंदगियों में ज्योति लाना है और उनके साथ कदम से कदम मिलाकर आगे बढ़ना चाहते है।