देश की आर्थिक राजधानी और मायानगरी मुंबई वैसे तो विकास के नए आयाम लिखती रहती है, लेकिन यहां पर रह रहे लोगों की एक बड़ी समस्या भी है जिसने कई सुविधाओं पर पानी फेरने का काम किया है। जिस मुंबई को 24 घंटे एक्टिव माना जाता है, असल में उन्हीं 24 घंटों में वो अपना काफी समय ट्रैफिक में गुजार देती है। कहीं भी जाना हो, घंटों का ट्रैफिर लोगों का स्वागत करता है। ऐसे में जब तक मुंबई को इस ट्रैफिक से मुक्ति नहीं मिल जाती, सही मायनों में इसका विकास नहीं हो सकता। अब इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्टर Sweety Adimulam को MMDRA के एक खास प्लान की पूरी जानकारी मिल गई है, उन्होंने विस्तार से बताया है कि आखिर कैसे मुंबई को ट्रैफिक से मुक्ति मिलने वाली है।
मुंबई को ट्रैफिक फ्री बनाने की रणनीति
अब Mumbai Metropolitan Region Development Authority (MMRDA) ने इसका समाधान खोज निकाला है। उसकी तरफ से 58,517 करोड़ के एक प्लान को मंजूरी दे दी गई है जिसके जरिए मायानगरी को ना सिर्फ ट्रैफिक मुक्त किया जाएगा बल्कि कहना चाहिए उसकी तस्वीर भी हमेशा के लिए बदल जाएगी। इस प्लान के तहत पूरे मुंबई में 90 किलोमीटर से भी ज्यादा का रोड नेटवर्क तैयार किया जाएगा, इसमें ब्रिज शामिल होंगे, हाईवे शामिल होंगे, कई टनल बनाने की तैयारी भी दिख रही है।
रास्ता 59 मिनट में कैसे होगा तय?
जो प्लान तैयार किया गया है, उसके मुताबिक 7 आउटर और इनर रिंग रोड बनाने की तैयारी है। लक्ष्य रखा गया है कि मुंबई की एक जगह से दूसरी जगह जाने में 59 मिनट से ज्यादा नहीं लगने चाहिए। अब जानकार मानते हैं कि रिंग रोड पर फोकस करना एक तय रणनीति का हिस्सा है। इसके जरिए सीधे-सीधे ईस्ट-वेस्ट करनेक्टिविटी को प्राथमिकता दी जा रही है। मुंबई के विकास की जब भी बात होती है, इस पहलू को नजरअंदाज कर दिया जाता है। लेकिन अब इसी इलाके को विकास के साथ जोड़कर आर्थिक तरक्की की ओर बढ़ने की कवायद है।
इस बारे में MMRDA कमिश्नर संजय मुखर्जी ने बताया है कि इन प्रोजेक्ट्स के जरिए ट्रैवल टाइम को एक घंटे के अंदर में सीमित किया जाएगा। जब हम कहते हैं कि ‘मिनटों में मुंबई’, इसका मतलब ही यह है कि 59 मिनट से ज्यादा नहीं लगने चाहिए एक जगह से दूसरी जगह जाने में।
नक्शे के जरिए देखिए फ्यूचर प्लान
बताया तो यह भी जा रहा है कि इस नए प्लान के तहत सिर्फ सड़कों का विकास नहीं हो रहा है बल्कि साथ में मेट्रो और दूसरे इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स पर भी ध्यान दिया गया है, ऐसे में कुल 3 लाख करोड़ खर्च करने की तैयारी है। अब तस्वीरों के जरिए समझने की कोशिश करते हैं कि आखिर कैसे मुंबई में सड़कों का नया जाल बिछाने की कोशिश है, यहां भी प्रस्तावित 7 रिंग रोड तो काफी अहम हो जाती हैं।
फर्स्ट रिंग रोड का मैप
सेकेंड रिंग रोड का मैप
थर्ड रिंग रोड का मैप
फोर्थ रिंग रोड का मैप
पांचवीं रिंग रोड का मैप
छठी रिंग रोड का मैप
सातवीं आउटर रिंग रोड का मैप
किन रूट्स को कवर करेंगी लिंक रोड?
अब इन्हीं मैपों का अगर रूट समझ लिया जाए तो इन प्रोजेक्ट्स की अहमियत को और आसानी से समझा जा सकता है। सबकुछ इस तरह से डिजाइन किया गया है कि पूरी मुंबई में ही ट्रैफिक को कम करने की रणनीति है। एक नजर इस टेबल पर डालिए-
प्रोजेक्ट | कहां से शुरू | रूट |
पहली रिंग रोड | नरीमन प्वाइंट | नरीमन प्वाइंट-कोस्टल रोड-वर्ली सेवरी कनेक्टर-ईस्टर्न फ़्रीवे-ऑरेंज गेट टनल-नरीमन प्वाइंट |
दूसरी रिंग रोड | नरीमन प्वाइंट | नरीमन प्वाइंट-बांद्रा वर्ली सी लिंक-डब्ल्यूईएच-सांताक्रूज चेंबूर लिंक रोड-ईईएच-ईस्टर्न फ्रीवे-ऑरेंज गेट टनल-नरीमन प्वाइंट |
तीसरी रिंग रोड | नरीमन प्वाइंट | नरीमन प्वाइंट-बांद्रा वर्ली सी लिंक-डब्ल्यूईएच-जेवीएलआर-कांजुरमार्ग जंक्शन-ईस्टर्न फ्रीवे एक्सटेंशन-ईस्टर्न फ्रीवे-ऑरेंज गेट टनल-नरीमन प्वाइंट |
चौथी रिंग रोड | नरीमन प्वाइंट | नरीमन प्वाइंट-बांद्रा वर्ली सी लिंक-वर्सोवा बांद्रा सी लिंक-वर्सोवा दहिसर लिंक रोड-गोरेगांव मुलुंड लिंक रोड-ईस्टर्न फ्रीवे एक्सटेंशन-ईस्टर्न फ्रीवे-ऑरेंज गेट टनल-नरीमन प्वाइंट |
पांचवीं रिंग रोड | नरीमन प्वाइंट | नरीमन प्वाइंट-बांद्रा वर्ली सी लिंक-वर्सोवा दहिसर लिंक रोड-भायंदर-फाउंटेन होटल कनेक्टर-गायमुख-घोड़बंदर टनल-ठाणे कोस्टल रोड-आनंद नगर-साकेत फ्लाईओवर-ईस्टर्न फ्रीवे एक्सटेंशन-ऑरेंज गेट टनल-नरीमन प्वाइंट |
छठी रिंग रोड | नरीमन प्वाइंट | नरीमन प्वाइंट-वर्सोवा बांद्रा सी लिंक-मीरा भयंदर लिंक रोड-अलीबाग विरार कॉरिडोर-ठाणे कोस्टल रोड-आनंद नगर साकेत फ्लाईओवर-ईस्टर्न एक्सप्रेस हाईवे-ईस्टर्न फ्रीवे-ऑरेंज गेट टनल-नरीमन प्वाइंट |
सातवीं आउटर रिंग रोड | नरीमन प्वाइंट | नरीमन प्वाइंट-वर्सोवा दहिसर भायंदर लिंक रोड-उत्तन लिंक रोड-वडोदरा मुंबई एक्सप्रेसवे-अलीबाग विरार मल्टी मॉडल कॉरिडोर-अटल सेतु जेएनपीटी-ऑरेंज गेट टनल-नरीम |
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