मुंबई के दहिसर में एक ट्रांसपोर्ट कंपनी के मालिक के साथ 37 लाख रुपए की ठगी का मामला सामने आया है। इस मामले में दहिसर पुलिस ने गंगासागर पांडेय नाम के एक शख्स को मुख्य आरोपी बनाया है। मीरा रोड के रहने वाले फरियादी मदन सल्वादगी ने अपनी ही कंपनी में काम करने वाले पांडेय पर धोखाधड़ी करने और अपने साथियों के साथ मिलकर 37 लाख रुपए का चूना लगाने का आरोप लगाया। कंपनी के मालिक ने पुलिस को बताया कि उनकी ट्रांसपोर्ट कंपनी में कमीशन के आधार पर नौकरी करने वाले पांडेय ने न सिर्फ उन्हें पैसों का चूना लगाया बल्कि उन्हें धोखा देने के लिए फर्जी कंपनी बनाकर लेनदेन भी किए।

पुलिस के अनुसार, ‘पांडेय ने मदन लॉजिस्टिक्स के मालिक सल्वादगी से 2018 में मुलाकात की थी। पांडेय ने उनसे अपने दिवालिया होने की बात कही थी और यह भी कहा था कि उसे कोई तरह के कर्ज चुकाने हैं। पांडेय को सल्वादगी के 15 लाख रुपए चुकाने थे, उसने पैसों के एवज में कमीशन के आधार पर काम करने का प्रस्ताव रखा। इसके साथ ही उसने अपने पुराने संपर्क और कारोबार को लेकर भी सौदा तय किया। बाद में सल्वादगी ने गंगा ट्रांसपोर्ट नाम की एक कंपनी बनाई और पांडेय ट्रांसपोर्ट के लिए जरूरत के हिसाब से ट्रक और पुराने वाहन भेजता था।’

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सल्वादगी ने डीएनए से बातचीत में कहा, ‘शुरुआत में हम अपने ग्राहकों से ऑर्डर लेने से पहले एक तयशुदा राशि एडवांस में लेते थे, डिलिवरी के बाद पूरे रकम लेते थे। कई महीनों से पांडेय हमारी जानकारी के बिना ग्राहकों से हमारे आदेश की बात कहकर पूरा पैसा ले रहा था। पांडेय ने 68 कंपनियों से कुल 22.15 लाख रुपए लिए और उनका इस्तेमाल निजी कामों के लिए किया।’

जब पहली कंपनी ने घोटाले का खुलासा किया तो सल्वादगी ने अपनी फर्म के अकाउंट चेक किए और पाया कि पांडेय ने कई फर्जी कंपनियां बना रखी हैं। पुलिस रिपोर्ट्स के मुताबिक सल्वादगी पांडेय के कहने पर मल्टी ऑर्गेनिक और आरएस प्लास्टिक जैसी कंपनियों को रिद्धि-सिद्धि ट्रांसपोर्ट कंपनी के जरिये वाहन भेज रहे थे।

 

पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘गड़बड़ी सामने आने के बाद पांडेय ने काम छोड़ दिया और सल्वादगी को चूना लगाने के लिए फर्जी कंपनियां चलाता रहा। इस मामले में आईपीसी की धारा- 34, 406, 409 और 420 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। आरोपी ने गलत तरीकों से करीब 36,86,589 रुपए कमाए। फिलहाल मामले में शामिल सभी आरोपियों की जांच के बाद जरूरी कार्रवाई की जाएगी।’