30 अक्टूबर को पवई में रोहित आर्या नाम के शख्स ने आरए स्टूडियो में 15-20 बच्चों को बंधक बना लिया था। इस दौरान, आरोपी रोहित आर्या ने पुलिसकर्मियों से पूर्व स्कूली शिक्षा मंत्री दीपक केसरकर से संपर्क करने को कहा था। उसने मंत्री पर विभाग के लिए किए गए काम का बकाया भुगतान न करने का आरोप लगाया था।एक आईपीएस अधिकारी ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि जब पुलिसकर्मियों ने केसरकर से संपर्क किया तो उन्होंने रोहित से बात करने से इनकार कर दिया और उसे स्कूली शिक्षा विभाग के अधिकारियों से कनेक्ट करने को कहा।

संपर्क करने पर, दीपक केसरकर ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि उन्होंने रोहित आर्या से बात करने से इनकार कर दिया क्योंकि उनका मानना ​​था कि बंधक बनाने वाले को बकाया राशि के लिए ज़िम्मेदारअधिकारियों से बात करनी चाहिए। पूर्व मंत्री ने आगे कहा, “हालाँकि, मुझे अंदाज़ा नहीं था कि मामला इतना गंभीर हो जाएगा।”

शुरुआत में रोहित से बात करना संभव नहीं था- दीपक केसरकर

केसरकर ने कहा, “मैंने पुलिस टीम से कहा कि वे उसे विभाग के संबंधित अधिकारी से मिलवाएं। शुरुआत में उससे बात करना संभव नहीं था क्योंकि पुलिस संपर्क करने की स्थिति में नहीं थी। जब मुझे एहसास हुआ कि मामला बकाया राशि के भुगतान से जुड़ा है तो मैंने उनसे कहा कि उसे विभाग के अधिकारियों से मिलाएं। मुझे अंदाज़ा नहीं था कि मामला इतना गंभीर हो जाएगा क्योंकि इस बारे में जानने का कोई तरीका नहीं था।”

बातचीत के दौरान, रोहित ने पुलिस को बताया कि वह स्कूल शिक्षा विभाग के लिए किए गए एक प्रोजेक्ट का बकाया भुगतान न मिलने से परेशान था जबकि कई बार विरोध प्रदर्शन भी हुए थे। अधिकारी ने बताया, “जिस व्यक्ति से वह सवाल पूछना चाहते थे, वह केसरकर थे और इसी के चलते एक डीसीपी स्तर के अधिकारी ने उन्हें फोन करके स्थिति से अवगत कराया। हालांकि, पूर्व मंत्री ने रोहित से बात करने से इनकार कर दिया था।”

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रोहित आर्या ने की थी दीपक केसरकर से बातचीत की मांग

अधिकारी ने बताया कि उस डेढ़ से दो घंटे के दौरान, पवई के वरिष्ठ निरीक्षक जितेंद्र सोनवणे और जोनल डीसीपी दत्ता नलावड़े समेत पुलिस टीम ने वीडियो कॉल के ज़रिए भी रोहित आर्या से बातचीत की। पुलिस ने बच्चों के माता-पिता से भी रोहित से मिन्नतें कीं लेकिन वह नहीं माना और अपने सवालों के जवाब पाने की ज़िद पर अड़ा रहा।

बच्चों को बंधक बनाए जाने के दौरान रोहित आर्या द्वारा जारी किए गए वीडियो में उसने कहा था, “मेरी बहुत साधारण और नैतिक मांगें हैं। मेरे कुछ सवाल हैं। मैं कुछ लोगों से बात करना चाहता हूं और उनके जवाबों के आधार पर अगर कोई प्रतिप्रश्न हों तो मैं उनसे पूछना चाहता हूं। मुझे ये जवाब चाहिए। मुझे और कुछ नहीं चाहिए। मैं कोई आतंकवादी नहीं हूं, न ही मेरी कोई पैसे की मांग है। मैं साधारण बातचीत करना चाहता हूं।” पढ़ें- कौन था मुंबई में 17 बच्चों को बंधक बनाने वाला रोहित आर्या, वह क्या चाहता था?