समाजवादी पार्टी के पूर्व नेता शिवपाल यादव जो कि यह दावा कर रहे थे कि उनके भाई और सपा के पूर्व अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव आगामी लोकसभा चुनाव उनकी नई पार्टी के चुनाव चिन्ह पर लड़ेंगे, को बड़ा झटका लगा है। रविवार (23 सितंबर) को मुलायम सिंह यादव ने अपने बेटे और सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के साथ न सिर्फ मंच शेयर किया, बल्कि कार्यकर्ताओं को भी पार्टी की मजबूती के लिए काम करने को कहा। मुलायम सिंह यादव ने यह बयान सपा द्वारा दिल्ली के जंतर-मंतर पर आयोजित रैली में दिया। उन्होंने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि, “आगामी चुनाव को लेकर आप सब एकजुट हो जाएं। सभी लोग मिलकर पार्टी की मजबूती के लिए काम करें।”
दरअसल, मुलायम सिंह यादव के भाई शिवपाल यादव अपने भतीजे अखिलेश से नाराज चल रहे हैं। उन्होंने नई पार्टी बनाने की घोषणा की है। इससे पहले उन्होंने समाजवादी सेक्युलर मोर्चा लॉन्च किया था और कहा था कि मुलायम सिंह यादव आगामी चुनाव उनके पार्टी के चुनाव चिन्ह पर लड़ेंगे। पिछले सप्ताह मोर्चा के प्रवक्ता दीपक मिश्रा ने शिवपाल यादव के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा था कि 2019 लोकसभा चुनाव मुलायम सिंह यादव मैनपुरी संसदीय क्षेत्र से समाजवादी सेक्युलर मोर्चा के उम्मीदवार के रूप में लड़ेंगे। साथ ही उन्होंने कहा था, “शिवपाल जी ने घोषणा की है कि आगामी लोकसभा चुनाव में नेताजी मैनपुरी संसदीय क्षेत्र से एसएसएम के उम्मीदवार होंगे। यदि वे किसी अन्य सीट से चुनाव लड़ना चाहेंगे तो मोर्चा उनका समर्थन करेगा।”
बता दें कि समाजवादी सेक्युलर मोर्चा के गठन के दो दिन बाद शिवपाल यादव ने शुक्रवार (31 अगस्त) को ऐलान किया था कि मोर्चा आगामी लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश की सभी 80 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। हम अपनी समान विचाराधारा वाली पार्टी से संपर्क करेंगे और सभी को एक साथ लाएंगे। हम गांधीवादी, लोहियावादी और चौधरी चरण सिंह वादी के साथ उन लोगों को भी साथ लाएंगे जिनकी उपेक्षा की जा रही है और सम्मान नहीं मिल रहा है। शिवपाल ने यह भी दावा किया था कि उन्होंने इस मोर्चा का गठन अपने बड़े भाई मुलायम सिंह यादव के आशिर्वाद से किया है, जो कि इस संगठन के संरक्षक हैं। उन्होने भतीजे अखिलेश यादव के उपर खुद की अपेक्षा करने का आरोप लगाया था।