MP News: मध्य प्रदेश की एक दिव्यांग छात्रा की मुख्यमंत्री के आश्वासन के बाद भी सुनवाई नहीं हो रही थी, जिसके बाद वह अपने पिता के साथ कलेक्टर से मिलने पहुंची। पन्ना के रैया साटा गांव में कुछ दिनों पहले सीएम शिवराज सिंह चौहान ने दौरा किया था, तभी सीएम के पास दिव्यांग छात्रा जागेश्वरी पढ़ाई को लेकर मदद मांगने पहुंची थी। मुख्यमंत्री ने जागेश्वरी की मदद का आश्वासन भी दिया था, लेकिन सीएम के जाते ही प्रशासन इस सब भूल बैठा।

परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं: जानकारी के अनुसार, रैपुरा तहसील के नादन पोस्ट खजुवा खमरिया निवासी छात्रा जागेश्वरी गर्ग जन्म से दोनों हाथों में दिव्यांग है, लेकिन वह पढ़ने में बहुत होशियार है। जागेश्वरी ने पैरों से लिखकर 12वीं तक की पढ़ाई पूरी कर ली है। जागेश्वरी का सपना है कि वह यूनिवर्सिटी में पढ़ाई करें और अपनी जिम्मेदारी खुद उठाए, लेकिन परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने की वजह से वह आगे की पढ़ाई करने में सक्षम नहीं है।

मुख्यमंत्री ने दिया था मदद का निर्देश: इस बीच 7 सितंबर 2022 को जब सीएम शिवराज सिंह पवई विधायक के घर आए थे तब जागेश्वरी ने अपने पिता के साथ मुख्यमंत्री से मुलाकात कर आगे की पढ़ाई के लिए आर्थिक मदद मांगी थी। जिसके बाद मुख्यमंत्री ने कलेक्टर को हर संभव मदद देने का निर्देश दिया था। हालांकि, इसके बाद भी जागेश्वरी को मदद नहीं मिल सकी। जिसके बाद जागेश्वरी ने पिता शालिगराम गर्ग के साथ कलेक्टर संजय कुमार मिश्र से मुलाकात कर पढ़ाई के लिए मदद की गुहार लगाई है।

‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’ योजना के तहत दी आर्थिक सहायता: इसके बाद पन्ना कलेक्टर ने मामले पर संज्ञान लेते हुए छात्रा जागेश्वरी को 11 हजार की आर्थिक सहायता दी। इसके अलावा कलेक्टर ने महिला एवं बाल विकास विभाग की ओर से संचालित ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’ योजना के तहत भी आर्थिक सहायता दी है।

कलेक्टर संजय कुमार मिश्र ने कहा, “सरकारी कॉलेजों में एडमिशन बंद हो चुका है, ऐसे में छात्रा अगर पवई के प्राइवेट कॉलेज या ओपेन स्कूल में एडमिशन लेना चाहती है तो उसे हर प्रकार की मदद दी जाएगी। साथ ही कॉलेज के हॉस्टल में भी उसके रहने की व्यवस्था की जाएगी।”